2019 के 10 वीं-12वीं के ये रहे TOPPERS, मेहनत से हासिल की कामयाबी
punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2019 - 11:00 AM (IST)
नई दिल्ली: हर साल सीबीएसई 10वीं-12वीं के छात्रों की ओर से नए आयाम स्थापित किए जाते है। वहीं साल 2019 में भी 10वीं-12वीं के छात्रों ने टॉप रैंकिंग हासिल कर नया इतिहास रचा है। मेहनत और लगन से मुकाम हासिल करने वाले स्टूडेंट्स की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। आइए जानते है 2019 में 10वीं-12वीं के किन किन छात्रों ने देश का नाम रोशन किया है ---
CBSE- टॉपरों की बारिश, यूं अलग है इस बार का रिजल्ट
13 छात्रों ने किया TOP
-साल 2019 में सीबीएसई10वीं कक्षा में 13 छात्रों ने 500 अंकों में से 499 के साथ प्रथम रैंक हासिल की है। वहीं 24 छात्रों ने 500 अंकों में से 498 के साथ दूसरी रैंक प्राप्त की है। 58 छात्र 497 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर सफलता हासिल की है। टॉपरों की सबसे ज्यादा पोजिशन पर देहरादून रीजन के स्कूलों ने अपना कब्जा जमाया है। 499 नंबरों के साथ पहले नंबर पर देहरादून रीजन के सिद्धांत पनगढ़िया, दिव्यांग वधवा, योगेश कुमार गुप्ता, अंकुर मिश्रा, वत्सल वार्ष्णेय, ईश मदन, अपूर्व जैन और शिवानी हैं।
-साल 2019 में सीबीएसई12 वीं कक्षा में गाजियाबाद की हंसिका शुक्ला एवं मुजफ्फरनगर की करिश्मा अरोड़ा ने प्रथम स्थान हासिल किया। दोनों को 500 में से 499 अंक मिले। रिषिकेश की गौरांगी चावला, रायबरेली की ऐश्वर्या और जींद की भाव्या दूसरे स्थान पर रहीं, 500 में से 498 अंक हासिल किए जबकि 18 छात्र तीसरे स्थान पर रहे।
ये हैं सीबीएसई 10वीं कक्षा के TOPPERS
3-4 घंटे रोज पढ़ाई कर तरू जैन बनीं टॉपर
टॉपर बनीं तरू जैन ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। तरू राजस्थान की एक मात्र स्टूडेंट हैं जिन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है। जयपुर की तरू जैन ने सफलता के पहले पायदान तक पहुंचने की सबसे महत्वपूर्ण बात -नियमित अध्ययन यानी रोजाना पढ़ाई, 3-4 घंटे रोज पढ़ाई करती थीं। नियमित स्टडी के साथ अपने माता-पिता और टीचर्स की मेहनत की भी अहम भूमिका बताई।
बिना कोचिंग लिए सिद्धांत पैैंगोरिया ने किया TOP
नोएडा के लोटस वैली स्कूल के सिद्धांत पैैंगोरिया का है। सिद्धांत पैंगोरिया ने बताया कि बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। उसने कहा कि जो लेसन टीचर देते थे उसे ही रिवाइज करता था। शुरू से ही उसका कॉन्सेप्ट क्लियर रहा और यही वजह है कि उसने इतने अच्छे नंबर हासिल किए। सिद्धांत बचपन से ही मैथ्स ओलंपियाड में हिस्सा लेकर विजेता बनता रहा है।
स्वामी विवेकानंद को माना आदर्श- टॉपर योगेश
जौनपुर के छात्र योगेश कुमार गुप्ता ने 500 में से 499 अंक, 99.8 प्रतिशत अंक हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया है। योगश का कहना है कि वह किसी एक व्यक्ति को आदर्श नहीं मानते बल्कि कई लोगों से प्रेरणा लेकर यह मुकाम हासिल किया है। योगेश ने कहा कि उनके आदर्श स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हैं। योगेश कुमार का कहना है कि वह हर रोज ज्यादा नहीं पढ़ते थे और वह केवल चार से पांच घंटे तक स्टडी करते थे। ज्यादा तनाव लेकर पढ़ाई कभी नहीं करनी चाहिए।
ये है सीबीएसई 12 वीं कक्षा के TOPPERS
बनना चाहती है IFS अफसर- टॉपर हंसिका शुक्ला
गाजियाबाद की हंसिका शुक्ला ने 499 अंक पाकर हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। हंसिका शुक्ला ने कहा कि हर सब्जेक्ट पर ध्यान देती थीं,सभी पर बराबर समय देती थीं। सोशल मीडिया के काफी दूर रहती थी, पढ़ते समय बोर होती थी तब वह म्यूजिक सुनती थी। हंसिका ने बताया कि वह शाम में थोड़े समय के लिए खेलने के लिए घर से बाहर निकलती थी। 12वीं में उन्होंने किसी भी तरह का ट्यूशन ज्वॉइन नहीं किया था। आगे आईएएस की तैयारी करना चाहती है और इंडियन फॉरेन सर्विस यानी आईएफएस ऑफिसर बनना चाहती है।
कथक डांसर है CBSE TOPPER करिश्मा अरोड़ा
करिश्मा अरोड़ा मुजफ्फरनगर के सनातन धर्म इंटर कॉलेज की छात्रा है जिसने 500 में से 498 अंक हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। सीबीएसई 12वीं की टॉपर करिश्मा अरोड़ा डांस थेरेपिस्ट बनना चाहती हैं। करिश्मा अरोड़ा ने कहा कि कहा, 'लक्ष्य निर्धारित कर उसने यह सफलता अर्जित की। रोजाना आठ घंटे पढ़ाई की। बोर्ड टॉप करने वाली करिश्मा कत्थक डांसर है। करिश्मा नृत्य के क्षेत्र में ही नाम कमाना चाहती है। करिश्मा यूपी संगीत नाटक अकादमी से भी पुरस्कार जीत चुकी है। करिश्मा ने न सिर्फ पढ़ाई में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बल्कि वो डांस कंप्टीशन में भी पहला स्थान पाती रही है।
इंजीनियर बनना चाहता है TOPPER पार्थ सैणी
सोलन के सेंट ल्युकस स्कूल के पार्थ सैणी ने 500 में से 497 अंक प्राप्त कर देशभर में तीसरा स्थान हासिल कर नाम रोशन किया है। पार्थ ने बताया कि उसका सपना इंजीनियर बनकर देश की सेवा करने का है। पार्थ सैणी ने बताया कि उसने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की व साथ में ट्यूशन से भी सहयोग लिया। उसने बताया कि वह जब स्कूल जाता था तो करीब 3-4 घंटे तक पढ़ाई करता था। छुट्टी के दिन 8-9 घंटे तक पढ़ाई करता था। पार्थ ने कहा कि वह सुबह 5 बजे उठकर पढ़ाई में लग जाता था और इसके बाद 6-7 बजे तक ट्यूशन पर जाता था।