देश में लागू होगी समान नागरिक संहिता, कानून मंत्री ने दिए संकेत

Friday, Jul 01, 2016 - 05:42 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे ऐसे कानून में परिवर्तन करने जा रही है जिससे सियासी गलियारों में गर्माहट आना तय माना जा रहा है। समान आचार संहिता को लेकर एक फिर से बहस शुरू हो गई है। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने विधि आयोग को पत्र लिखकर यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में अध्ययन करके रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा समय-समय पर संसद के बाहर और भीतर इस बारे में चर्चा होती रहती है, इसलिए सरकार ने इस मुद्दे पर आगे बढऩे का फैसला किया है। 
 
अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, कानून मंत्री गौड़ा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने से पहले प्रधानमंत्री, अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और कानून के बड़े अधिकारियों से इस पर चर्चा  करेंगे। कानून मंत्री ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आम सहमति बनाने के लिए अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ बोर्डों और दूसरे स्टेक होल्डर्स यानी संबंधित पक्षों से व्यापक बातचीत की जाएगी।
 
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर देश के हर नागरिक के लिए एक समान कोड होगा। शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। फिलहाल हर धर्म के लोग इन मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के तहत करते हैं।कई लोगों का ये मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाने से देश में हिन्दू कानून लागू हो जाएगा। जबकि सच्चाई ये है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा कानून होगा जो हर धर्म के लोगों के लिए बराबर होगा और उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं होगा।
 
ऐसी भी बातें कही जाती हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाने के बाद लोगों की धार्मिक आजादी खत्म हो जाएगी। जबकि सच्चाई ये है कि समान नागरिक संहिता के लागू हो जाने के बाद लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता बाधित नहीं होगी बल्कि इसके लागू होने से सभी को एक समान नजरों से देखा जाएगा। मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए इस देश में अलग कानून चलता है जो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जरिए लागू होता है।
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