दस साल बाद उत्तर भारत में चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि

Tuesday, Aug 23, 2016 - 06:20 PM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली समेत उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में चिकनगुनिया के मामलों में अचानक हुई ये बढ़ोतरी करीब दस साल बाद देखी जा रही है। इससे पहले 2006 में देशभर में इस मच्छर-जनित बीमारी का प्रकोप फैला था। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के मुताबिक साल 2006 में देशभर में चिकनगुनिया बुखार के 13 लाख से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए थे। इस साल 28 जुलाई तक इस बीमारी के 9,990 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए जिनमें 7,591 मामले केवल कर्नाटक में पाए गए। 
 
एम्स की प्रयोगशालाओं में जुलाई से लेकर 20 अगस्त की अवधि में 362 नमूने पॉजिटिव पाए गए। इन प्रयोगशालाओं में दिल्ली के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भी खून के नमूने जांच के लिए आते हैं। एम्स में माइक्रोबायलॉजी विभाग के ललित दर के अनुसार, ‘‘हमारी प्रयोगशालाओं में भेजे गए 133 नमूनों में से जुलाई में 83 मामले पॉजिटिव पाए गए और इस महीने की 20 तारीख तक 502 नमूनों में से 279 मामलों में चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई।’’  स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बीमारी के प्रकोप के लिए इसके वायरस का प्रसार होने और नमी जैसे मौसम के कारकों में बदलाव जैसे कारणों को जिम्मेदार बताया।
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