निर्भया केस: दिल्ली कोर्ट का तिहाड़ जेल को नोटिस, पवन जल्लाद को बुलाया गया

Thursday, Jan 30, 2020 - 08:06 PM (IST)

नई दिल्लीः निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों की एक फरवरी को तय फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा। विशेष न्यायाधीश ए के जैन ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक इस याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

फांसी की सजा का सामना कर रहे तीन दोषियों- पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की ओर से पेश वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टाल देने को कहा क्योंकि कुछ दोषियों के पास कानूनी उपाय उपलब्ध हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है, वहीं दो अन्य दोषियों अक्षय तथा पवन भी कानूनी उपाय अपना रहे हैं।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि आवेदन ‘न्याय का मजाक' है और यह मामले में केवल देरी की चाल है। बचाव पक्ष के वकील की अर्जी में कहा गया, ‘‘पहले एक अन्य दोषी मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका खारिज होने के बाद इस अदालत ने उसे राष्ट्रपति के निर्णय के खिलाफ अदालतों में जाने के लिए 14 दिन की अवधि प्रदान की थी।'' उन्होंने फांसी के लिए नयी तारीख तय करने की मांग करते हुए कहा, ‘‘अगर विनय शर्मा की दया याचिका भी खारिज हो जाती है तो कानून उसे दया याचिका खारिज होने की तारीख से फांसी की तारीख से पहले तक 14 दिन देता है।''

वकील ने कहा कि अक्षय और पवन फिलहाल कानूनी उपाय अपना रहे हैं। अक्षय की सुधारात्मक याचिका को शीर्ष अदालत गुरूवार को खारिज कर चुकी है, वहीं उसके पास अब भी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प है। अन्य दोषी पवन ने सुधारात्मक याचिका दाखिल नहीं की है। मुकेश और विनय के बाद अक्षय सुधारात्मक याचिका दाखिल करने वाला तीसरा दोषी है।

पवन जल्लाद मेरठ से तिहाड़ जेल पहुंचा
निर्भया मामले में दोषियों को फांसी दिए जाने की तारीख से दो दिन पहले मेरठ जेल के जल्लाद पवन जल्लाद ने गुरूवार को तिहाड़ जेल प्रशासन के समक्ष ड्यूटी पर आमद दर्ज करा दी। अधिकारियों ने बताया कि पवन जेल परिसर में रहेंगे और शुक्रवार को रस्सी की मजबूती तथा अन्य चीजों की जांच करेंगे। पवन तीसरी पीढ़ी के जल्लाद हैं। निर्भया मामले में चार अभियुक्तों को एक फरवरी को फांसी पर लटकाया जाना तय हो चुका है लेकिन उन्हें उस दिन फांसी दिए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि अभियुक्तों में से एक ने बुधवार को राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका दायर की। एक अन्य ने उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर की है। 

 

Yaspal

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