भारत की आर्थिक वृद्धि पर सवाल उठाने वालों को मोदी का करारा जवाब

Tuesday, Mar 29, 2016 - 01:47 AM (IST)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची होने के दावे पर सवाल उठाने वालों को रिण प्रवाह और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी जैसे आंकड़ों के साथ आज जोरदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में भारत की सफलता सरकार की राजकोषीय समझदारी, ठोस नीति और कारगर प्रबंधन का परिणाम है।  
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजग सरकार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ प्रशासनिक और नीतिगत सुधारों का विस्तार करना है ताकि देश स्वस्थ्य वृद्धि के रास्ते पर बढ़ सके। मोदी ने ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनामिक फोरम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि की सूची में भारत का सबसे ऊपर होना एक असामान्य बात है। जाहिर है, एेसे कुछ लोग हैं जिन्हें यह बात पचती नहीं है और वे इस उपलब्धि को छोटा दिखाने के लिए तरह-तरह की मनगढ़ंत और काल्पनिक बातें कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि भारत की आर्थिक सफलता मेहनत से मिली है। यह समझदारी, ठोस नीति और कारगर प्रबंधन का परिणाम है।’’ 
 
 मोदी ने कहा, ‘‘यह स्वीकार किया जा रहा है कि भारत की वृद्धि दर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊंची है। कुछ लोग भ्रम में ही जाते हैं और उनका कहना है कि वृद्धि दर का यह दावा सही नहीं लगता। कोरे ख्यालों की जगह कुछ आंकड़ें पेश कर शायद उनका भ्रम कम करने में मैं कुछ मदद कर सकता हूं।’’ इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री कई आंकड़ें पेश किए। 
 
उन्होंने कहा कि सितंबर के बाद रिण का उठाव बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक रिण का प्रवाह 11.5 प्रतिशत बढ़ा। इसी तरह वित्त वर्ष 2015-16 के पहली तीन तिमाहियों में कंपनी जगत ने शेयर पूंजी और उधारी के रूप में एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक धन जुटाया। 
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