इस मामले में भारत ने चीन को छोड़ा पीछे

Monday, Nov 30, 2015 - 10:46 PM (IST)

नई दिल्ली : विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी के चलते जुलाई-सितंबर की तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही। इसके साथ ही चीन को पछाड़ते हुए भारत सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया। इससे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति दरें स्थिर रखने की गुंजाइश बनी है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत का सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई जो कि पहली तिमाही में 7 प्रतिशत थी। 
 
आठ प्रमुख ढांचागत उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में 3.2 प्रतिशत रही। जीडीपी वृद्धि दर हालांकि, एक साल पहले की इसी तिमाही में हासिल 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले काफी नीचे हैं। वैश्विक प्रतिकूल हालात के बीच चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट है जबकि ब्राजील तथा रूस की उदीयमान अर्थव्यवस्थाआें में संकुचन देखने को मिला है। जुलाई-सितंबर में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही जबकि रूस की वृद्धि दर में इस दौरान 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। 
 
ब्राजील के बारे में यह अनुमान है कि उसकी अर्थव्यवस्था में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आएगी। विश्लेषकांे मानना है कि इस उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि दर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दरों को स्थिर रखने की गुंजाइश बनती है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर रघुराम राजन कल द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेंगे। 
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