मशहूर वकील राम जेठमलानी बोले, ‘भारतीय संसद संप्रभु नहीं है’

Sunday, Nov 29, 2015 - 11:44 PM (IST)

कोच्चि : मशहूर वकील राम जेठमलानी ने आज कहा कि भारतीय संसद ‘‘संप्रभु नहीं है’’ क्योंकि इसके निर्णयों को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। साथ ही उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति को लेकर एनजेएसी अधिनियम रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय की आलोचना करने पर उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी आड़े हाथों लिया।

भाजपा के पूर्व सदस्य ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम ‘‘पुरानी भ्रष्ट सरकार और नई भ्रष्ट सरकार के बीच पूरी तरह से साठगांठ का नतीजा’’ था।  केरल में अभियोजन निदेशालय की तरफ से भारतीय दंड संहिता 1860 की 155वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में जेठमलानी ने जेटली की आलोचना की। 
 
जेटली ने एनजेएसी अधिनियम को खत्म करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को ‘‘गलती’’ करार दिया था और कहा, ‘‘भारतीय लोकतंत्र गैर निर्वाचित लोगों की क्रूरता का शिकार नहीं हो सकता।’’ जेठमलानी ने यहां कहा, ‘‘किसी भी नेता और खासकर प्रधानमंत्री से पूछिए। वह आपको कहेंगे कि भारत की संसद संप्रभु है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एलएलबी कक्षाओं में संविधान का हर छात्र जानता है कि भारत की संसद संप्रभु निकाय नहीं है इंग्लैंड की संसद संप्रभु है क्योंकि न्यायपालिका को संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून को दरकिनार करने की शक्ति नहीं है।’’  
 
जेटली के तर्क का प्रतिवाद करते हुए 92 वर्षीय पूर्व कानून मंत्री ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को कभी भी गैर निर्वाचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि कानून में उन्हें चुनकर आने की जरूरत नहीं होती। इसलिए इस तरह का विशेषण न्यायाधीशों पर लागू नहीं होता।’’

काले धन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए जेठमलानी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान काले धन पर किए गए वादे को पूरा करने में वह विफल रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि हजारों करोड़ रुपए वापस लाकर देश के गरीबों में बांटा जाएगा। जेठमलानी को 2013 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। 
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