बीफ बैन को लेकर खुली मोदी सरकार की पोल!

Tuesday, Dec 15, 2015 - 05:05 PM (IST)

नई दिल्ली: बीफ बैन का पुरजोर समर्थन करने वाली भारतीय जनता पार्टी वास्तव में इस मसले पर कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र की तीन प्रमुख बीफ कंपनियों ने पार्टी को चंदा दिया है। भाजपा को बीफ से परेशानी है लेकिन पैसे से नही चाहे वो कहीं से भी आए। 
 
चुनाव आयोग ने भाजपा की पोल खोलते हुए इस मामले का खुलासा किया, आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र की कंपनी फ्राइगोरीफिको अल्लाना प्राइवेट लिमिटेड ने भाजपा को 50 लाख रुपए का चंदा दिया है। इससे पहले भी यह कंपनी साल 2013-14 में बीजेपी को 75 लाख का चंदा दे चुकी है। इनडाग्रो फूड्स लिमिटेड ने भी 75 लाख रुपए का चंदा बीजेपी को दिया है तथा एक तीसरी कंपनी फ्राइगेरियो कॉनवेरवा अल्लाना लिमिटेड ने भी पार्टी को 50 लाख रुपए का चंदा दिया है। ये तीनो कंपनियां बीफ के कारोबार से जुड़ी हैं।
 
इनडाग्रो फूड्स लिमिटेड भी बीफ मीट निर्यात करने का काम करती है, इनडाग्रो फूड्स लिमिटेड के तीन डायरेक्टर्स में जयप्रकाश नंदलाल अटल, लेनस फ्रांसिस और इरशाद अहमद के नाम शामिल हैं। वहीं फ्राइगेरियो कॉनवेरवा अल्लाना लिमिटेड का नाम कॉरपोरेट मंत्रालय द्वारा रजिस्टर्ड कंपनियों की सूची में शामिल नहीं है। चंदा लिए जाने की बात पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा कहते हैं, ''''इस पर मैं अभी कुछ नहीं बोल पाऊंगा, क्योंकि पता भी नहीं है कि कौन ले रहा है, क्या ले रहा है।
 
बता दें कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट (1951) में वर्ष 2003 में एक संशोधन के तहत यह नियम बनाया गया है कि सभी राजनीतिक दलों को धारा 29(सी) की उपधारा-(1) के तहत फार्म 24(ए) के माध्यम से चुनाव आयोग को यह जानकारी देनी होगी कि उन्हें हर वित्तीय साल के दौरान किन-किन व्यक्तियों और संस्थानों से कुल कितना चंदा मिला।
 
राजनीतिक दलों को इस नियम के तहत 20 हजार से ऊपर के चंदों की ही जानकारी देनी होती है। बीजेपी को साल 2014-15 में कुल 437.35 करोड़ रुपए का चंदा मिला है, जो 2013-14 की तुलना में 156 प्रतिशत ज्यादा है, साथ ही किसी भी राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाली राशि में भी सबसे ज्यादा है।
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