क्यों बिगड़े हैं मौसम के मिजाज, ज्योतिष से जानें इसका राज

Wednesday, Dec 02, 2015 - 02:50 PM (IST)

आचार्य वराहमिहिर द्वारा मेदिनी निर्मित मेदिनी ज्योतिष के अनुसार भारत की प्रभाव राशि मकर है। वर्तमान में मकर राशि का स्वामी शनि अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर कर रहा है। मकर जल तत्त्व-प्रधान राशि हैं। संजोग से मकर राशि के स्वामी शनि भी एक जल तत्व-प्रधान राशि वृश्चिक में गोचर कर रहे हैं। गुरु, जो की ज्योतिष भी एक जल तत्त्व के ग्रह हैं तथा वर्तमान स्थिति अग्नि तत्व प्रधान राशि सिंह में गोचर कर रहे हैं। गुरु शुक्रवार दिनांक 08.01.16 को प्रातः 10 बजे वक्री होने के बाद उत्तर-भारत में शीत ऋतु जोर पकड़ेगी तथा इस वर्ष कोहरा अधिक पड़ेगा। 

मंगल वर्तमान स्थिति में अपनी शत्रु राशि कन्या में गोचर कर रहा हैं तथा गुरूवार दिनांक 24.12.15 को प्रातः 06 बजकर 16 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेंगे जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। इस वर्ष की कुंडली के अनुसार विक्रमी संवत 2072 शनिवार दिनांक 21.03.15 को आरंभ हुआ था। शनिवार से वर्ष के प्रारंभ होने की वजह से इस वर्ष का नाम कीलक है। जिसका राजा शनि और मंत्री मंगल है। 

ज्योतिषशास्त्रनुसार जब भी संवत् में राजा शनि होता है तो बे-मौसम वर्षा व बाढ़ अवश्य आती है और मौसम का मिजाज अप्रत्याशित तथा अकल्पनीय होता है जैसा कि इसका प्रभाव पहली मार्च से ही दिखना आरंभ हो गया था और मार्च में वर्षा तथा बर्फबारी के कई साल पुराने रिकॉर्ड टूट गए। इस वर्ष शनि के कारण नए रोग व अजीबो-गरीब बीमारियों का दबदबा रहा। शनि ग्रह, नेताओं में आपसी मतभेद, वैमनस्य, तनावपूर्ण संबंध, विक्षुब्ध वातावरण, विरोध, टकराव, अपमानित करने जैसे कृत्य करवाता है। 

संवत् का मंत्री मंगल होने से आतंकवाद, चोरी, आगजनी, लूट, अग्निकांड, विस्फोट, वायु दुर्घटनाएं, रेल हादसे, हिंसक उपद्रव  आदि की बहुतात रहती है। इस बार राजा व मंत्री परस्पर एक-दूसरे के शत्रु हैं, अत: धार्मिक उन्माद, हिंसक उपद्रव, संसद में कोहराम, किसी प्रिय नेता या प्रसिद्ध हस्ती से विछोह, भूकम्प, बाढ़, मुस्लिम देशों के आतंक से, शांति प्रिय देशों में अशांति, पैट्रोल, डीजल, सोने, गेहूं तथा अन्य पीले रंग की वस्तुओं की कीमतों में अचानक वृद्धि बनी रहेगी।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 

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