घोर दरिद्रता का सामना कर रहे लोग मोक्षदा एकादशी के दिन अवश्य करें यह काम

Saturday, Dec 19, 2015 - 04:26 PM (IST)

21 दिसंबर 2015 को मोक्षदा एकादशी व्रत है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के रूप में मनाते हैं। सनातन धर्म के अतिरिक्त कोई भी ऐसा धर्म नहीं है जिसमें किसी ग्रन्थ कि जयंती मनाई जाती हो। 

श्रीमद्भागवत गीता और श्रीमद्भागवत पुराण के आधार पर उस परम सनातन नियम को व्यक्त किया गया है। मोक्षदा एकादशी को श्री कृष्ण का पूजन कर व्रत रखने का विधान है इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ग्रह शांति के लिए इस व्रत को करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। घर पर मंडरा रहे संकटों के बादल समाप्त होते हैं और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।

क्या करें

1 सुख प्राप्ति के लिए श्री नाराय़ण के चित्र पर सिंदूर चढ़ाएं।

2 धन प्राप्ति के लिए श्री भगवान मधुसूदन के चित्र पर कमल गट्टे चढ़ाएं।

3 पराक्रम बढ़ाने के लिए श्री हरि के चित्र पर तुलसी पत्र चढ़ाएं।

4 गृह क्लेश से मुक्ति पाने के लिए श्री बाल गोपाल को दही का भोग लगाएं। 

5 प्रेम में सफलता के लिए श्री राधा-कृष्ण पर रोली चढ़ाएं।

6 रोग मुक्ति के लिए श्री हरि पर मूंग चढ़ाएं।

7 सुखी दांपत्य के लिए लक्ष्मी-नारायण पर अबीर चढ़ाएं।

8 दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए भगवान बांके बिहारी पर लाल चंदन चढ़ाएं।

9 सौभाग्य प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर हल्दी चढ़ाएं।

10 व्यवसायिक सफलता के लिए श्री कृष्ण पर नीले फूल चढ़ाएं।

11 लाभ प्रप्ति के लिए श्री नारायण पर लोहबान से धूप करें।

12 हानि से बचने के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर पीले फूल चढ़ाएं।

 क्या न करें

1 पान न खाएं।

2 किसी की निन्दा न करें। 

3 क्रोध न करें।

4 झूठ न बोलें। 

5 दिन के समय न सोएं। 

6 तेल में बना हुआ खाना न खाएं।

7 कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें।

8 व्रत न रख सकें तो प्याज, लहसुन और चावल का सेवन न करें।

22 दिसंबर को, पारण (व्रत तोडऩे का) समय- 07:21 से 09:21

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 22:50

एकादशी तिथि प्रारम्भ- 21/दिसम्बर/2015 को 03:30 बजे

एकादशी तिथि समाप्त- 22/दिसम्बर/2015 को 01:11 बजे 

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