7 वर्ष के अंतराल पर बनें इस अशुभ योग के कुप्रभाव से कौन सी राशियों का हाल होगा बेहाल

Saturday, Jan 09, 2016 - 05:03 PM (IST)

खगोलीय गणित-ज्‍योतिष के द्रिक प्रणाली व लहरी अयनांश अनुसार राहु का सिंह राशि में गोचर शनिवार दिनांक 09.01.16 सुबह 10 बजकर 25 मिनट व 30 सेकण्ड्स पर हो गया है। सिंह राशि में बृहस्पति पूर्व से विराजमान हैं। राहु सदेव वर्की चाल चलता है व एक राशि में 18 महीने तक गोचर करता हुआ 30 से 0 अंश का भ्रमण उल्टा चलते हुए करता हैं।

वर्तमान में सिंह राशि में बृहस्पति 29 अंशों के करीब हैं। राहु भी सिंह राशि में प्रवेश कर अपनी उलटी गति से आते हुए गुरु के 29 अंशों के बेहद निकट आएगा। वैदिक ज्योतिष के पंचांग खंड अनुसार राहू व गुरु की युति लगभग 7 वर्ष के अंतराल के बाद बनती है। 
 
शास्त्रनुसार जहां एक ओर राहु पापी व दूषित ग्रह माना गया है वहीँ बृहस्पति बहुत ही शुभ व सात्विक ग्रह है। राहू व गुरु स्वभावतः एक दूसरे से विपरीत हैं। इसी कारण गुरु व राहू की युति से "गुरु-चांडाल दोष" का निर्माण होता है। गुरु चांडाल योग लगभग आठ महीनो तक विद्यमान रहेगा व इसका प्रभाव प्रत्येक राशि पर भी लगभग आठ महीनों तक ही रहेगा।
 
राहु और बृहस्पति की सिंह राशि के मिलन से बना "गुरु-चांडाल योग" अधिकतर राशियों हेतु हितकारी नहीं रहेगा। इसका कुप्रभाव सभी द्वादश राशियों पर क्या पड़ेगा आएं जानते हैं।
 
मेष: पांचवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से अधार्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। बुद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। द्विस्वभाव सोच जागृत होगी। संतान संबंधित समस्याएं उत्पन्न होगी। गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक कष्ट के संकेत हैं।
 
वृष: चौथे भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से मां का स्वास्थ्य चिंता देगा। स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करेंगी। अनिद्रा से पीड़ित रहेंगे। मानसिक उलझने बढ़ेंगी। पैतृक संपत्ति को लेकर गृहक्लेश के योग हैं। पारिवारिक जीवन अशांत रहेगा।
 
मिथुन: तीसरे भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से मन में क्रूरता की भावना पैदा होगी। दूसरों का पतन करेंगे। बुद्धि में तीक्ष्णता व तर्क शक्ति बढ़ेगी परंतु मन में मक्कारी व बेईमानी की भावना बढ़ेगी। पैसा हड़पने की नियत त्याग दें। 
 
कर्क: दूसरे भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से बदनामी का दर सताएगा। कीमती चीजों की चोरी होगी। भाषा में कर्कशता रहेगी। कड़वा बोलकर दूसरों को कष्ट पहुंचाएंगे। धन जमा करने में बाधा आएगी। ससुराल पक्ष से धन अर्जित होगा। 
 
सिंह: पहले भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से तनाव कि अधिकता रहेगी। व्यवहार में हठता आएगी। मानसिक तौर पर परेशान रहेंगे। अत्यधिक क्रोध आएगा। हठ की भावना प्रबल रहेगी। मन में लालच बढ़ेगा। मानसिक उथल-पुथल रहेगी।
 
कन्या: बाहरवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से धन अर्जन के नए मार्ग खुलेंगे। धन कमाने कि क्षमता बढ़ेगी। मुक़दमों में सफलता मिलेगी। अनावश्यक कष्टकारी यात्राएं अधिक होंगी। राजनीति क्षेत्र में सफलता मिलेगी। शत्रु परस्त होंगे।
 
तुला: ग्यारहवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से मित्रों से लाभ अर्जित होगा। व्यवसाय हेतु दूरदर्शिता बढ़ेगी। धन कमाने हेतु बेहतर अवसर मिलेंगे। धन कमाने के रास्ते निलकेंगे। तीक्ष्ण बुद्धि के कारण संयोजित ढंग से धन अर्जित होगा।
 
वृश्चिक: दसवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से पिता को शारीरिक कष्ट के योग हैं। स्वास्थ्य बिगड़ने के आसार बने हैं। पैतृक पक्ष से संबंध बिगड़ेंगे। पैतृक संपत्ति को लेकर मुकदमेबाज़ी के योग हैं। उच्च अधिकारीयों से मनमुटाव होगा।
 
धनु: नवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से कार्यों में विलंब आएगा। दैनिक कार्यों में असफलता हाथ आएगी। धर्म के पथ से विमुख रहेंगे। भाग्य निर्बल होगा। दुर्भाग्य में बढ़ोत्तरी होगी। आपके चरित्र का हनन होगा। बदनामी के योग हैं। 
 
मकर: आठवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से धन अर्जन क्षेत्र प्रबल होगा। स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होंगी। स्वास्थ्य में कमजोरी आएगी। डाइजेशन संबंधित बिमारियां होने की संभावना है। लीवर संबंधित रोग होने का खतरा है सावधान रहें।
 
कुंभ: सातवें भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से गृहक्लेश के योग हैं। ससुराल पक्ष में तनाव रहेग। लाइफ पार्टनेट से वैचारिक मतभेद के कारण विवाद की स्तिथि बनेगी। जीवनसाथी को हैल्थ प्रॉब्लेम्स आएंगी। पार्टनर्शिप में कठिनाई आएगी।
 
मीन: छठे भाव में गुरु-चांडाल दोष बनने से शत्रु व विरोधियों की परेशानी झेलनी पड़ेगी। स्वास्थ्य को हानि पहुंचेगी। गुप्त रोग परेशान करेंगे। वाद विवाद सिर उठाएंगे। कार्य व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। कोर्ट कचहरी की समस्या सताएगी।
 
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
Advertising