आसान तरीकाःअपनी आत्मा के अंश को पहचानने का

Thursday, Jul 30, 2015 - 09:11 AM (IST)

हर मनुष्य के अंदर एक शांत मनुष्य रहता है जिसे हम अंतरात्मा कहते हैं। हमारी अंतरात्मा हमेशा सही होती है और इसीलिए शायद यह कहा जाता है कि हम ईश्वर का अंश हैं। सभी महान लोगों ने यह स्वीकार किया है कि अंतरात्मा की आवाज ईश्वर की आवाज है और यह बात किसी धर्म विशेष से संबंधित नहीं है।
 
खुश रहने का सीधा-सा तरीका यह होता है कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें क्योंकि हमारी अंतरात्मा हमेशा हर परिस्थिति में सही होती है। हम जब कभी भी कुछ बुरा कर रहे होते हैं तो हमें कुछ अजीब-सा लगता है, मानो कोई हमें यह कह रहा हो कि वह बुरा काम मत करो। यह हमारी अंतरात्मा होती है जो हमें कुछ बुरा करने या किसी को दुख पहुंचाने से रोकती है और जब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना कर देते हैं तो हमारा अपनी अंतरात्मा से सम्पर्क कमजोर हो जाता है।
 

जब हम दूसरी बार कुछ बुरा करने जा रहे होते हैं तो हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज फिर महसूस होती है लेकिन इस बार वह आवाज इतनी मजबूत नहीं होती क्योंकि हमारा अपनी अंतरात्मा से सम्पर्क कमजोर हो चुका होता है। जैसे-जैसे हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना करते जाते हैं वैसे-वैसे हमारा अपनी अंतरात्मा के साथ सम्पर्क कमजोर होता जाता है और एक दिन ऐसा आता है कि हमें वह आवाज बिल्कुल नहीं सुनाई देती। जैसे-जैसे हमारा अपनी अंतरात्मा के साथ सम्पर्क कमजोर होता जाता है वैसे-वैसे हम उदास रहने लगते हैं और खुशियां भौतिक वस्तुओं में ढूंढने लगते हैं। हम समस्याओं को हल करने में असक्षम हो जाते हैं जिससे ‘तनाव’ हमारा हमसफर बन जाता है। 

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