राजग सरकार कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद, नक्सलवाद को नियंत्रित करने में सफल रही: शाह

punjabkesari.in Saturday, Feb 11, 2023 - 04:08 PM (IST)

हैदराबाद, 11 फरवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और वामपंथी नक्सलवाद को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रही है।

शाह ने यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 74वें बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों की दीक्षांत परेड को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार की एजेंसियों के नेतृत्व में पूरे देश में पुलिस बलों ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) जैसे संगठन के खिलाफ एक ही दिन में एक सफल अभियान संचालित किया।

उन्होंने आईपीएस परिवीक्षाधीनों से कहा कि देश के आर्थिक केंद्रों को सुरक्षित करने, गरीबों के मानवाधिकारों की रक्षा करने, जांच को साक्ष्य-आधारित बनाने और नशीले पदार्थों एवं आतंकवाद के बीच संबंध पर अंकुश लगाने के अलावा साइबर और वित्तीय धोखाधड़ी के मोर्चे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

शाह ने कहा कि अगर आप आठ साल पहले की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को देखें तो ‘‘जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्र’’ चिंता के तीन मुख्य कारण थे। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई है।

शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में कई उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौतों के बाद 8,000 से अधिक उग्रवादी मुख्यधारा में लाए गए हैं और राज्यों के साथ सीमा विवाद को हल करके एवं विकासात्मक कार्यों के जरिए पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना की गई है और विकास का एक नया युग शुरू हुआ है।

मंत्री ने कहा कि माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व को नियंत्रित किया गया है और एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों की संख्या जो 2010 में 96 थी अब घटकर 46 रह गई है।

शाह ने कहा, ‘‘सरकार आठ साल बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और वामपंथी नक्सलवाद को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल में ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ पर प्रतिबंध लगाकर हमने दुनिया के सामने एक सफल उदाहरण पेश किया है।’’ शाह ने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता कितनी मजबूत हुई है।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति, आतंकवाद विरोधी कानूनों के लिए मजबूत ढांचे, एजेंसियों को मजबूत किए जाने और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण आतंकवाद संबंधी घटनाओं में कमी आई है।

अमित शाह ने कहा कि एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) का अब देश के सभी राज्यों में विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि एनआईए और एनसीबी (स्वापक नियंत्रण ब्यूरो) के अतिरिक्त विस्तार से नशीले पदार्थों और आतंकवाद से संबंधित अपराधों को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

शाह ने आईपीएस परिवीक्षाधीनों से बहुआयामी चुनौतियों के लिए तैयार रहने को कहा।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिदृश्य बदल रहा है और खतरे के स्वरूपों का आयाम बदल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले देश की समस्याएं भौगोलिक थीं और अब विषयगत खतरे उभर रहे हैं और आपको साइबर अपराधों, डेटा के दुरुपयोग और गलत सूचना के युद्ध से निपटना होगा।’’ शाह ने आईपीएस परिवीक्षाधीनों को सुलभ एवं जवाबदेह बनने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको ‘अमृत काल’ के बैच के रूप में जाना जाएगा और यह आपके लिए गर्व की बात होगी।’’उन्होंने आईपीएस परिवीक्षाधीनों से पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने और अधीनस्थों एवं आमजन का विश्वास हासिल करने के लिए भी कहा।

शाह ने कहा कि पिछले सात दशकों के दौरान देश ने आंतरिक सुरक्षा में कई उतार-चढ़ाव और कई चुनौतीपूर्ण समय देखे हैं।

उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में 36,000 से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।

दीक्षांत परेड में 166 आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी प्रशिक्षुओं और विदेशों से 29 अधिकारी प्रशिक्षुओं सहित कुल 195 अधिकारी प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।



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