तेलंगाना सरकार अजजा को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिये सरकारी आदेश जारी करेगी: केसीआर
punjabkesari.in Saturday, Sep 17, 2022 - 09:10 PM (IST)
हैदराबाद, 17 सितंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने राज्य विधानसभा से अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण विधेयक पांच साल पहले पारित होने के बावजूद इसे मंजूरी नहीं देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की शनिवार को आलोचना की। केसीआर ने कहा कि राज्य में एसटी समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए सरकारी आदेश (जीओ) जल्द जारी किया जाएगा।
‘आदिवासी-बंजारा आत्मीय सभा’ नाम से आयोजित एक जनसभा में राव ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को या तो तेलंगाना सरकार के प्रस्तावित सरकारी आदेश का सम्मान करना चाहिए या ‘‘अपने पतन के लिये तैयार रहना चाहिए।’’ अप्रैल 2017 में तेलंगाना विधानमंडल के दोनों सदनों ने एक विधेयक पारित किया था, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में मुस्लिम समुदाय के अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रावधान है।
विधेयक में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण मौजूदा छह प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पिछले पांच वर्षों से बिना किसी कारण के राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र के पास पड़ा हुआ है।
केसीआर ने कहा, ‘‘हम आरक्षण के लिए केंद्र से अनुरोध करते-करते थक गए हैं। अब एक सप्ताह के भीतर हम राज्य में अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक सरकारी आदेश जारी करेंगे। मैं नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर रहा हूं, क्या आप हमारे सरकारी आदेश का सम्मान करेंगे या इसे अपने पतन का कारण बना लेंगे।’’
मुख्यमंत्री के मुताबिक संविधान में आरक्षण की कोई सीमा नहीं है और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु 69 प्रतिशत तक आरक्षण लागू कर रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
‘आदिवासी-बंजारा आत्मीय सभा’ नाम से आयोजित एक जनसभा में राव ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को या तो तेलंगाना सरकार के प्रस्तावित सरकारी आदेश का सम्मान करना चाहिए या ‘‘अपने पतन के लिये तैयार रहना चाहिए।’’ अप्रैल 2017 में तेलंगाना विधानमंडल के दोनों सदनों ने एक विधेयक पारित किया था, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में मुस्लिम समुदाय के अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रावधान है।
विधेयक में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण मौजूदा छह प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पिछले पांच वर्षों से बिना किसी कारण के राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र के पास पड़ा हुआ है।
केसीआर ने कहा, ‘‘हम आरक्षण के लिए केंद्र से अनुरोध करते-करते थक गए हैं। अब एक सप्ताह के भीतर हम राज्य में अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक सरकारी आदेश जारी करेंगे। मैं नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर रहा हूं, क्या आप हमारे सरकारी आदेश का सम्मान करेंगे या इसे अपने पतन का कारण बना लेंगे।’’
मुख्यमंत्री के मुताबिक संविधान में आरक्षण की कोई सीमा नहीं है और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु 69 प्रतिशत तक आरक्षण लागू कर रहा है।
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