तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति ने लिखा बाइडन का भाषण,रिश्तेदार और ग्रामीण हुए गौरवान्वित
punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 06:04 PM (IST)
हैदराबाद, 21 जनवरी (भाषा) तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले भारतीय-अमेरिकी विनय रेड्डी चोल्लेटी ने अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडन का दमदार भाषण लिखा था।
बाइडन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर बुधवार को अपना पहला भाषण दिया।
विनय के पिता नारायण रेड्डी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1970 के दशक में अमेरिका चले गये थे। वे मूल रूप से तेलंगाना के करीमनगर जिले के पोठीरेड्डीपेट गांव के निवासी हैं।
गांव में उनके रिश्तेदारों और अन्य लोगों को विनय की उपलब्धि पर गर्व है।
उनके परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हममें से कोई इस शीर्ष स्थान पर पहुंचा है। अमेरिका एक वैश्विक शक्ति है। ’’
विनय के दादा तिरूपति रेड्डी ग्राम सरपंच रहे थे।
गांव के मौजूदा सरपंच पुलाचारी के मुताबिक विनय, नारायण रेड्डी के तीन बेटों में मंझले हैं।
उनका जन्म और लालन-पालन अमेरिका में हुआ था।
पुलाचारी ने कहा, ‘‘हमें इस बात से खुशी है कि हमारे गांव के लोग अमेरिका में इतनी अच्छी स्थिति में हैं। ’’
परिवार के सदस्य ने कहा कि नारायण ने अब तक गांव से सबंध बरकरार रखा है। वह एक साल पहले ही गांव आए थे।
परिवार ने हाल ही में एक स्कूल के लिए राशि दान में दी थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बाइडन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर बुधवार को अपना पहला भाषण दिया।
विनय के पिता नारायण रेड्डी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1970 के दशक में अमेरिका चले गये थे। वे मूल रूप से तेलंगाना के करीमनगर जिले के पोठीरेड्डीपेट गांव के निवासी हैं।
गांव में उनके रिश्तेदारों और अन्य लोगों को विनय की उपलब्धि पर गर्व है।
उनके परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हममें से कोई इस शीर्ष स्थान पर पहुंचा है। अमेरिका एक वैश्विक शक्ति है। ’’
विनय के दादा तिरूपति रेड्डी ग्राम सरपंच रहे थे।
गांव के मौजूदा सरपंच पुलाचारी के मुताबिक विनय, नारायण रेड्डी के तीन बेटों में मंझले हैं।
उनका जन्म और लालन-पालन अमेरिका में हुआ था।
पुलाचारी ने कहा, ‘‘हमें इस बात से खुशी है कि हमारे गांव के लोग अमेरिका में इतनी अच्छी स्थिति में हैं। ’’
परिवार के सदस्य ने कहा कि नारायण ने अब तक गांव से सबंध बरकरार रखा है। वह एक साल पहले ही गांव आए थे।
परिवार ने हाल ही में एक स्कूल के लिए राशि दान में दी थी।
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