Triton सत्य या सिर्फ एक वैज्ञानिक विचार

Thursday, Nov 05, 2015 - 10:31 AM (IST)

जालंधरः Jeabyun Yeon की तरफ से तैयार किया गया triton स्कूबा डाइविंग के लिए नया और अलग कांसेप्ट था। जिसे Star Wars: episode 1 - the Phantom Menace फिल्म में पेश किया गया था। जिसमें triton एक छोटी सी डिवाइस दिखाई गई थी, जो आर्टिफीशियल गिल के साथ पानी को फिल्टर कर ऑक्सीजन आप तक पहुंचाते है जिससे आसानी से पानी में सांस लिया जा सकता है। परन्तु ये एक वैज्ञानिक विचार था जिसे फिल्म में पेश किया गया था लेकिन क्या यह सच हो सकता है। 

स्कूबा डाइविंग को इन भारी gears को अपने साथ रखना किसी को पसंद नहीं होगा, परन्तु ये स्कूबा डाइविंग के लिए जरूरी है। वहीं triton एक छोटा सा gear है जो हर एक की पहली पसंद हो सकता था परन्तु ऐसा हो नहीं पाएगा। इसका पहला कारण इसकी बनावट ही है जो कुछ पहलुओं से विज्ञान के तथ्यों को चुनौती देता है जैसेः- आम आदमी 500 मिलीलीटर हवा में एक बार 21% ऑक्सीजन अन्दर ले जाता है और 16% ऑक्सीजन बाहर छोड़ता है। इसका मतलब यह है कि एक बार सांस लेने के लिए 25 मिलीलीटर ऑक्सीजन का उपयोग होता है।

Avagadro के नियम के मुकाबिक, V੧/n੧ = V2/n2 –> 22.4L/1mol = 0.025L/Xmol –> X = 0.00111 mol, इसका मतलब यह है कि एक बार सांस लेने में 0.000111 moles ऑक्सीजन कंज्य़ूम होती है। moler weight से डी-मॉलिक्यूलर ऑक्सीजन गैस (16g * 2 = 32g/mol) की गणना कर देखें तो 32g * 0.00111mol = 0.03552g oxygen, ਜਾਂ 35.52 milligrams (mg) बनती है। 

समुद्र के पानी में 6mg लीटर ऑक्सीजन होती है और triton को सांस लेने के योग्य ऑक्सीजन पैदा करने के लिए 35.52mg/6mgl=5.92 लीटर पानी या 6 लीटर पानी हर सांस के साथ फिल्टर करना होगा। आम आदमी 1 मिन्ट में 15 बार सांस लेता है। जिस के मुताबिक 1 मिन्ट में triton को 90 लीटर पानी खुद में से ऑक्सीजन देने के लिए फिल्टर करना होगा, जो कि ऐसी छोटी डिवाइस के लिए करना संभव नहीं है। इस लिए Jeabyun Yeon के बनाए triton को हम वैज्ञानिक विचार ही कह सकते है।

 

 

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