इंजीनियरिंग छात्रों ने खोज निकाले दिव्यागों को मदद देने नए तरीके
Thursday, Jan 24, 2019 - 01:23 PM (IST)
एजुकेशन डेस्कः माकर मेला 2019, पिछले सप्ताह आयोजित किया गया जिसमें कुछ दिलचस्प आविष्कारों को प्रदर्शित किया गया। वार्षिक समारोह में विशेषज्ञों और निवेशकों को पिच करने के लिए स्कूल के छात्र, कॉलेज और उद्यमी सोमैया विद्याविहार में एकत्रित हुए। 17 से 19 जनवरी तक सोमैया की रिसर्च इनोवेशन इनक्यूबेशन डिज़ाइन लेबोरेटरी (RiiDL) द्वारा आयोजित इस मेकर मेला में पुणे, नासिक, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोच्चि, जयपुर , त्रिपुरा तथा अन्य शहरों के 8 से 83 वर्ष के 100 आविष्कारकों में से 18 छात्रों को शामिल किया गया।
इस दौरान देखा गया कि एक टीम ने एक 3 डी-मुद्रित हाथ बनाया, जिसमें उंगलियां चलती हैं। एक अन्य ने एक अंडरवाटर वाहन के लिए एक प्रोटोटाइप का काम किया था जो कोरल रीफ और समुद्री जीवन की तस्वीरें ले सकता था और वाई-फाई पर वास्तविक समय में साझा कर सकता था। हम आविष्कारकों के लिए सूत्रधार के रूप में कार्य करने में सक्षम हैं,
सोमैया विद्याविहार के अध्यक्ष समीर सोमैया कहते हैं, "अन्य रचनाकारों, नेटवर्क से मिलने और संभवतः उनके विचारों को आगे बढ़ाने में उनकी मदद करें।"RiiDL के मुख्य नवाचार उत्प्रेरक गौरांग शेट्टी का कहना है कि इस तरह के मेले से उनके नवाचारों को दिखाने के अलावा, छात्रों को सुधार में मदद करने के लिए प्रतिक्रिया मिलती है। इस दौरान विशेषज्ञ उनसे विभिन्न प्रश्न पूछते हैं, और यह वह जगह है जहां टीम की प्रस्तुति और संचार कौशल काम आते हैं।
छात्र ऐसे मेलों में अपनी प्रस्तृति बाखूबी देते हैं जैसे बेंगलुरु के एक मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र 21 वर्षीय रीथन डीएल को उनके घर के पास बने भौतिक पुनर्वास केंद्र से कृत्रिम हाथ बनाने की प्रेरणा मिली।