काशी, मथुरा मंदिरों के मूल स्थलों को पुन: हासिल करने के लिए काम करेगी विहिप : आलोक कुमार
punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 05:14 PM (IST)
चेन्नई 25 जून (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को कहा कि संगठन शांतिपूर्ण तरीकों से कानून और संविधान के ढांचे के भीतर काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्म स्थान के मूल स्थलों को पुनः प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा कि चूंकि मामले अदालत में हैं, इसलिए यह उचित होगा कि दोनों पक्ष अदालत के फैसले का इंतजार करें।
यहां कांचीपुरम में आयोजित विहिप केंद्रीय संचालन परिषद की बैठक के स्थान पर पत्रकारों से बातचीत में कुमार ने कहा कि विहिप ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों को लेकर देशभर में "धार्मिक कट्टरपंथियों" द्वारा हाल में की गई हिंसा और संपत्तियों, सरकारी संस्थानों को नुकसान पहुंचाए जाने तथा पुलिस पर हमले किए जाने की निंदा की।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि दुश्मन देश और कुछ राष्ट्र विरोधी समूहों के दुष्प्रचार के चलते धार्मिक कट्टरपंथियों ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल का सिर काटने तथा आंखें निकालने की धमकी दी और हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया तथा सड़कों पर हिंसा की।
उन्होंने कहा, "विश्व हिंदू परिषद इस तरह के जघन्य कृत्यों की निंदा करती है और राज्य सरकारों से अपेक्षा करती है कि वे इन अपराधियों से सख्ती से निपटें और हिंदुओं को न्याय दिलाएं।"
कुमार ने कहा, "भारत संविधान से चलता है, शरिया कानूनों से नहीं। किसी भी भीड़ को किसी को भी दोषी घोषित करने का अधिकार नहीं है।"
उन्होंने कहा कि विहिप मंदिरों को राज्य सरकारों के चंगुल से मुक्त कराने और इनका प्रबंधन हिंदू समाज को सौंपने के लिए अपना आंदोलन तेज करेगी। उन्होंने कहा कि मंदिरों से प्राप्त राजस्व का उपयोग केवल हिंदू मंदिरों के रखरखाव के लिए और हिंदू कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, न कि सरकारी प्रशासनिक खर्च के लिए।
कुमार ने कहा, "यह खेद की बात है कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा हिंदू मंदिरों का प्रबंधन जारी है। विश्व हिंदू परिषद इसे ब्रिटिश शासन के बाद से मंदिरों के निरंतर औपनिवेशीकरण का प्रतीक मानती है।"
उन्होंने तमिलनाडु में हिंदू मंदिरों में देवताओं की मूर्तियां तोड़े जाने की घटनाओं की कड़ी निंदा की।
निकटवर्ती कांचीपुरम जिले के तुलासापुरम गांव में शुक्रवार को एक मंदिर के दर्शन करने पहुंचे आलोक कुमार ने कहा कि हमले में मंदिर के अंदर 22 मूर्तियों को तोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा, "इस तरह का कृत्य मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्तियों या नशे में धुत व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता, जैसा कि पुलिस ने दावा किया है। तोड़फोड़ के पीछे एक योजनाबद्ध तंत्र है। देवताओं को आसनों से उखाड़ दिया गया और क्षतिग्रस्त कर दिया गया तथा सड़कों पर फेंक दिया गया।"
कुमार ने तमिलनाडु सरकार से असली दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का आग्रह किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि चूंकि मामले अदालत में हैं, इसलिए यह उचित होगा कि दोनों पक्ष अदालत के फैसले का इंतजार करें।
यहां कांचीपुरम में आयोजित विहिप केंद्रीय संचालन परिषद की बैठक के स्थान पर पत्रकारों से बातचीत में कुमार ने कहा कि विहिप ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों को लेकर देशभर में "धार्मिक कट्टरपंथियों" द्वारा हाल में की गई हिंसा और संपत्तियों, सरकारी संस्थानों को नुकसान पहुंचाए जाने तथा पुलिस पर हमले किए जाने की निंदा की।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि दुश्मन देश और कुछ राष्ट्र विरोधी समूहों के दुष्प्रचार के चलते धार्मिक कट्टरपंथियों ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल का सिर काटने तथा आंखें निकालने की धमकी दी और हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया तथा सड़कों पर हिंसा की।
उन्होंने कहा, "विश्व हिंदू परिषद इस तरह के जघन्य कृत्यों की निंदा करती है और राज्य सरकारों से अपेक्षा करती है कि वे इन अपराधियों से सख्ती से निपटें और हिंदुओं को न्याय दिलाएं।"
कुमार ने कहा, "भारत संविधान से चलता है, शरिया कानूनों से नहीं। किसी भी भीड़ को किसी को भी दोषी घोषित करने का अधिकार नहीं है।"
उन्होंने कहा कि विहिप मंदिरों को राज्य सरकारों के चंगुल से मुक्त कराने और इनका प्रबंधन हिंदू समाज को सौंपने के लिए अपना आंदोलन तेज करेगी। उन्होंने कहा कि मंदिरों से प्राप्त राजस्व का उपयोग केवल हिंदू मंदिरों के रखरखाव के लिए और हिंदू कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, न कि सरकारी प्रशासनिक खर्च के लिए।
कुमार ने कहा, "यह खेद की बात है कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा हिंदू मंदिरों का प्रबंधन जारी है। विश्व हिंदू परिषद इसे ब्रिटिश शासन के बाद से मंदिरों के निरंतर औपनिवेशीकरण का प्रतीक मानती है।"
उन्होंने तमिलनाडु में हिंदू मंदिरों में देवताओं की मूर्तियां तोड़े जाने की घटनाओं की कड़ी निंदा की।
निकटवर्ती कांचीपुरम जिले के तुलासापुरम गांव में शुक्रवार को एक मंदिर के दर्शन करने पहुंचे आलोक कुमार ने कहा कि हमले में मंदिर के अंदर 22 मूर्तियों को तोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा, "इस तरह का कृत्य मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्तियों या नशे में धुत व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता, जैसा कि पुलिस ने दावा किया है। तोड़फोड़ के पीछे एक योजनाबद्ध तंत्र है। देवताओं को आसनों से उखाड़ दिया गया और क्षतिग्रस्त कर दिया गया तथा सड़कों पर फेंक दिया गया।"
कुमार ने तमिलनाडु सरकार से असली दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का आग्रह किया।
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