वर्ग-1 और वर्ग-2 के कानूनी उत्तराधिकारियों के वर्गीकरण पर नया आदेश जारी हो: उच्च न्यायालय

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2022 - 08:12 PM (IST)

चेन्नई, 22 जून (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत वर्ग-1 और वर्ग-2 के कानूनी उत्तराधिकारियों के वर्गीकरण के संबंध में एक नया आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति पी. ए. प्रकाश, न्यायमूर्ति आर हेमलता और न्यायमूर्ति ए. ए. नक्किरण की पूर्ण पीठ ने पिछले हफ्ते यह निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि सरकार 2019 के परिपत्र संख्या 9 के बदले में एक नया आदेश जारी करे, जो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत वर्ग-1 और वर्ग-2 के कानूनी उत्तराधिकारियों को लेकर हो।
अदालत ने कहा कि सरकार पिता, सगे भाई/बहन को अविवाहित मृतक के लिए योग्य आवेदक के तौर पर विचार करे। पीठ ने कहा कि यह कार्य छह हफ्तों के अंदर किया जाए।

पीठ ने कहा कि 2019 के परिपत्र में वर्ग-1 और वर्ग-2 उत्तराधिकारियों के तौर पर व्यक्तियों का वर्गीकरण और मृतक महिला हिंदू या गैर हिंदू पर उन्हें लागू किया जाना अव्यवस्था पैदा करेगा।

तीन सवालों के जवाब को लेकर दायर की गईं 45 रिट याचिकाओं के एक समूह पर 19 जनवरी को न्यायमूर्ति एम दंडपाणि द्वारा एक उल्लेख किये जाने पर मुख्य न्यायाधीश ने एक पूर्ण पीठ गठित की थी।
इन सवालों में एक सवाल यह भी था कि क्या उच्च न्यायालय उत्तराधिकार प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पहले से बने एक तंत्र से अलग कोई तंत्र बना सकता है, वह भी महज इस कारण से कि वह अधिक समय और बेशकीमती न्यायिक समय लेता है।
एक प्रशासनिक परिपत्र में कानून जैसी शक्ति नहीं होती है और यह नागरिक या अदालत को आबद्ध नहीं करता है। हालांकि, वह तहसीलदार को प्रशासनिक अनुशासन सुनिश्चित करने और फैसले लेने में निरंतरता रखने के लिए आबद्ध करता है।


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