तमिलनाडु सरकार बकाया पेपरों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने पर सहमत
punjabkesari.in Thursday, Apr 15, 2021 - 09:36 PM (IST)
चेन्नई, 15 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने बृहस्पतिवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह बकाया पेपरों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करेगी, जिन्हें पहले सरकार ने रद्द कर दिया था।
पिछले साल अगस्त में सरकार ने महामारी की तत्कालीन स्थिति को देखते हुए बकाया परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश दिया था।
राज्य के महाधिवक्ता विजय नारायण ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ को बताया कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन परीक्षा दिए बिना उतीर्ण घोषित नहीं किया जाएगा।
एजी ने कहा, "हमने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों का पालन करने का फैसला किया है और ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों के लिए यह अनिवार्य होगा।" इस बयान को दर्ज करते हुए, पीठ ने सरकार को परीक्षा आयोजित करने, परिणाम घोषित करने और आठ सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया।
मामले की सुनवाई को जुलाई के दूसरे सप्ताह तक स्थगित कर दिया गया। तब तक सभी विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के बाद रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
पीठ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें से एक वकील रामकुमार आदित्यन और दूसरी अन्ना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ई बालगुरुस्वामी ने दायर की है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पिछले साल अगस्त में सरकार ने महामारी की तत्कालीन स्थिति को देखते हुए बकाया परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश दिया था।
राज्य के महाधिवक्ता विजय नारायण ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ को बताया कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन परीक्षा दिए बिना उतीर्ण घोषित नहीं किया जाएगा।
एजी ने कहा, "हमने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों का पालन करने का फैसला किया है और ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों के लिए यह अनिवार्य होगा।" इस बयान को दर्ज करते हुए, पीठ ने सरकार को परीक्षा आयोजित करने, परिणाम घोषित करने और आठ सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया।
मामले की सुनवाई को जुलाई के दूसरे सप्ताह तक स्थगित कर दिया गया। तब तक सभी विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के बाद रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
पीठ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें से एक वकील रामकुमार आदित्यन और दूसरी अन्ना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ई बालगुरुस्वामी ने दायर की है।
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