अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजीआर को उनकी 104वीं जयंती पर याद किया गया
Sunday, Jan 17, 2021 - 08:21 PM (IST)
चेन्नई, 17 जनवरी (भाषा) अन्नाद्रमुक के संस्थापक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. जी. रामचंद्रन को उनकी 104वीं जयंती पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत रत्न एमजीआर कई लोगों के दिलों में रहते हैं। चाहे वह फिल्म हो या राजनीति की दुनिया, उन्हें काफी सम्मान की नजरों से देखा जाता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गरीबी उन्मूलन के लिए कई प्रयास किए और महिला सशक्तीकरण पर भी जोर दिया। एमजीआर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।’’
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा कि दिवंगत नेता ने लोगों के कल्याण के लिए कार्य किया और गरीबों तथा आम आदमी के लिए कई योजनाएं बनाईं।
उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने एमजीआर की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री लोगों के दिलों में रहते थे।
अन्नाद्रमुक के समन्वयक एवं सह-समन्वयक क्रमश: पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी ने यहां पार्टी मुख्यालय का दौरा किया और एमजीआर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पार्टी का झंडा फहराया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं के बीच मिठाइयां बांटी।
अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई स्थानों पर समारोह आयोजित किए और दिवंगत नेता को पुष्पांजलि अर्पित की।
राज्य भर में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने सामूहिक भोज का आयोजन किया।
पार्टी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि नयी दिल्ली में अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सदस्य ए. विजयकुमार ने संसद भवन परिसर में एमजीआर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
मक्कल निधी मय्यम के प्रमुख कमल हासन ने भी यहां उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए।
अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम के महासचिव टीटीवी दिनाकरण उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने यहां एमजीआर की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
तमिलनाडु में इस वर्ष अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
एम. जी. रामचंद्रन 1977 से 1987 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। वह एमजीआर के नाम से लोकप्रिय थे। वह 1950 के दशक में द्रमुक में इसके संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई से प्रेरित होकर शामिल हुए। 1972 में पार्टी के शीर्ष नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि से मतभेद के चलते उन्होंने अन्नाद्रमुक का गठन किया था।
उनका जन्म 17 जनवरी 1917 को और निधन 24 दिसंबर 1987 को हुआ ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत रत्न एमजीआर कई लोगों के दिलों में रहते हैं। चाहे वह फिल्म हो या राजनीति की दुनिया, उन्हें काफी सम्मान की नजरों से देखा जाता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गरीबी उन्मूलन के लिए कई प्रयास किए और महिला सशक्तीकरण पर भी जोर दिया। एमजीआर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।’’
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा कि दिवंगत नेता ने लोगों के कल्याण के लिए कार्य किया और गरीबों तथा आम आदमी के लिए कई योजनाएं बनाईं।
उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने एमजीआर की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री लोगों के दिलों में रहते थे।
अन्नाद्रमुक के समन्वयक एवं सह-समन्वयक क्रमश: पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी ने यहां पार्टी मुख्यालय का दौरा किया और एमजीआर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पार्टी का झंडा फहराया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं के बीच मिठाइयां बांटी।
अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई स्थानों पर समारोह आयोजित किए और दिवंगत नेता को पुष्पांजलि अर्पित की।
राज्य भर में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने सामूहिक भोज का आयोजन किया।
पार्टी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि नयी दिल्ली में अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सदस्य ए. विजयकुमार ने संसद भवन परिसर में एमजीआर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
मक्कल निधी मय्यम के प्रमुख कमल हासन ने भी यहां उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए।
अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम के महासचिव टीटीवी दिनाकरण उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने यहां एमजीआर की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
तमिलनाडु में इस वर्ष अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
एम. जी. रामचंद्रन 1977 से 1987 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। वह एमजीआर के नाम से लोकप्रिय थे। वह 1950 के दशक में द्रमुक में इसके संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई से प्रेरित होकर शामिल हुए। 1972 में पार्टी के शीर्ष नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि से मतभेद के चलते उन्होंने अन्नाद्रमुक का गठन किया था।
उनका जन्म 17 जनवरी 1917 को और निधन 24 दिसंबर 1987 को हुआ ।
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