अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ा मानसून : आईएमडी
punjabkesari.in Friday, May 19, 2023 - 06:06 PM (IST)

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दक्षिण पश्चिम मानसून शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व हिस्से, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर की ओर पहुंचा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
मौसम कार्यालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि केरल में मानसून के आने में एक जून की सामान्य तिथि से थोड़ा समय लगेगा।
आईएमडी ने कहा, “दक्षिण पश्चिम मानसून आज बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है।”
विभाग ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में बंगाल की दक्षिण खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
मौसम कार्यालय ने मंगलवार को अनुमान जताया था कि केरल में मानसून की शुरुआत चार दिनों की देरी से (चार जून से) होने की संभावना है।
केरल में मानसून पिछले वर्ष 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
भारत की 3500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगभग 15 प्रतिशत है और एक अच्छा मानसून खेतों को पानी देने के अलावा जलाशयों के पुनर्भरण में मदद करता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मौसम कार्यालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि केरल में मानसून के आने में एक जून की सामान्य तिथि से थोड़ा समय लगेगा।
आईएमडी ने कहा, “दक्षिण पश्चिम मानसून आज बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है।”
विभाग ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में बंगाल की दक्षिण खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
मौसम कार्यालय ने मंगलवार को अनुमान जताया था कि केरल में मानसून की शुरुआत चार दिनों की देरी से (चार जून से) होने की संभावना है।
केरल में मानसून पिछले वर्ष 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
भारत की 3500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगभग 15 प्रतिशत है और एक अच्छा मानसून खेतों को पानी देने के अलावा जलाशयों के पुनर्भरण में मदद करता है।
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