नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे सेवानिवृत्त
punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 09:38 AM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे 39 वर्षों की लंबी सेवा के बाद शुक्रवार को बल से सेवानिवृत्त हो गए। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया कि नौसेना के उप प्रमुख के रूप में उन्होंने एकीकृत योजना, नवाचार, स्वदेशीकरण, पूंजीगत अधिग्रहण में उभरती प्रौद्योगिकियों को स्वीकार करने, बुनियादी ढांचे के विकास और आवंटित वित्तीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।
बयान के अनुसार घोरमडे ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और एकीकृत योजना पर जोर देने के लिए एक रोडमैप पर भी काम किया। इसमें कहा गया है कि इस दौरान नौसेना आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ी। उनके कार्यकाल में स्वदेशीकरण पर निरंतर जोर देने के कारण नौसेना के पोतों में स्वदेशी सामग्री में खासी वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान, नौसेना ने स्वदेशीकरण पर जोर दिया और भारतीय नौसेना के लिए 43 जहाजों और पनडुब्बियों में से 41 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है।
उसने कहा कि उनकी देखरेख में, देश के स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को दो सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में बेड़े में शामिल किया गया था और बाद में आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (हल्के लड़ाकू विमान, नौसेना) की पहली लैंडिंग की उपलब्धि हासिल हुई।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बयान में कहा गया कि नौसेना के उप प्रमुख के रूप में उन्होंने एकीकृत योजना, नवाचार, स्वदेशीकरण, पूंजीगत अधिग्रहण में उभरती प्रौद्योगिकियों को स्वीकार करने, बुनियादी ढांचे के विकास और आवंटित वित्तीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।
बयान के अनुसार घोरमडे ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और एकीकृत योजना पर जोर देने के लिए एक रोडमैप पर भी काम किया। इसमें कहा गया है कि इस दौरान नौसेना आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ी। उनके कार्यकाल में स्वदेशीकरण पर निरंतर जोर देने के कारण नौसेना के पोतों में स्वदेशी सामग्री में खासी वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान, नौसेना ने स्वदेशीकरण पर जोर दिया और भारतीय नौसेना के लिए 43 जहाजों और पनडुब्बियों में से 41 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है।
उसने कहा कि उनकी देखरेख में, देश के स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को दो सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में बेड़े में शामिल किया गया था और बाद में आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (हल्के लड़ाकू विमान, नौसेना) की पहली लैंडिंग की उपलब्धि हासिल हुई।
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