अधीर ने वन विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने का विरोध किया

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 09:38 AM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजे जाने के कदम की आलोचना करते हुए शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि इस विधेयक को संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि अगर विधेयकों को संयुक्त समिति के पास भेजा जाता रहा तो फिर स्थायी समिति का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, " 1993 में जब स्थायी समितियों का गठन किया गया तो इसका मकसद विधेयकों की छानबीन करना था... स्थायी समिति की व्यवस्था के पीछे एक बुनियादी मकसद यही था कि विधेयक की छानबीन के लिए हर बार नयी समिति का गठन ना करना पड़े।" उन्होंने कहा कि इस विधेयक को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए था।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश और मनीष तिवारी ने भी वन संरक्षण विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजे जाने का विरोध किया था।
तिवारी ने बिरला को पत्र लिखकर कहा था कि कि इस विधेयक की छानबीन करना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।
रमेश ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से आग्रह किया था कि वह इस मामले में दखल दें ताकि इसे संबंधित स्थायी समिति को भेजा जाए तथा इस विधेयक को पूरी तरह कमजोर होने से रोका जा सके।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने बुधवार को ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।
केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया।
‘वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980’ का और संशोधन करने वाले उक्त विधेयक को केंद्रीय मंत्री ने संसद की एक संयुक्त समिति को विचारार्थ भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।


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PTI News Agency

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