देश के 50 हजार से अधिक ओडीएफ प्लस गांव को ‘मॉडल गांव’ का दर्जा मिला : शेखावत
punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 09:38 AM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि देश के 50,885 ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) प्लस गांवों को ‘मॉडल गांव’ का दर्जा प्राप्त हो गया है तथा इन्होंने संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
शेखावत ने संवाददाताओं से कहा कि मार्च 2022 में देश में ओडीएफ प्लस गांव 46,121 थे, जो एक वर्ष के भीतर पांच गुना बढ़कर 2,38,973 हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से 50,855 गांव स्वच्छता की सर्वोच्च रैंकिंग के साथ ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किए गए।
मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 50 हजार से ज्यादा गांवों को मॉडल गांव बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नए वित्त वर्ष में इस मद में कुल 52,049 करोड़ राशि के खर्च का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ समन्वय से काम करते हुए केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्ष्यद्वीप, दादरा और नगर हवेली के साथ दमन और दीव ने न केवल ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त किया, बल्कि उनके सभी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल की श्रेणी में आ गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्यों की श्रेणी में तेलंगाना का कार्य सबसे सराहनीय रहा है और वह 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के साथ प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने बताया कि 95.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ तमिलनाडु दूसरे और 93.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में तेज गति से प्रगति करने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश में जहां 2022 में 18 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या थी वह 2023 में बढ़कर 79 प्रतिशत हो गई है।
शेखावत ने बताया कि मध्य प्रदेश में 62 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश में जहां 2022 में राज्य के 2 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस घोषित हुए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 47 प्रतिशत हो गया है।
जल शक्ति मंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (जी) के दूसरे चरण की गतिविधियों के लिए नए वित्त वर्ष में 52,049 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। इसमें केंद्र सरकार 14,030 करोड़ रुपए की मदद राज्यों को करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि देश में सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च अंत तक हर सेकेंड एक परिवार को नल से स्वच्छ जल पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है।
शेखावत ने बताया कि 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत अब तक देश में करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाने में सफलता मिली है।
उन्होंने बताया कि इस साल 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच हर सेकेंड एक ग्रामीण परिवार को नल से जल योजना से जोड़ने का रिकॉर्ड बनाया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
शेखावत ने संवाददाताओं से कहा कि मार्च 2022 में देश में ओडीएफ प्लस गांव 46,121 थे, जो एक वर्ष के भीतर पांच गुना बढ़कर 2,38,973 हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से 50,855 गांव स्वच्छता की सर्वोच्च रैंकिंग के साथ ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किए गए।
मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 50 हजार से ज्यादा गांवों को मॉडल गांव बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नए वित्त वर्ष में इस मद में कुल 52,049 करोड़ राशि के खर्च का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ समन्वय से काम करते हुए केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्ष्यद्वीप, दादरा और नगर हवेली के साथ दमन और दीव ने न केवल ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त किया, बल्कि उनके सभी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल की श्रेणी में आ गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्यों की श्रेणी में तेलंगाना का कार्य सबसे सराहनीय रहा है और वह 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के साथ प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने बताया कि 95.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ तमिलनाडु दूसरे और 93.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में तेज गति से प्रगति करने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश में जहां 2022 में 18 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या थी वह 2023 में बढ़कर 79 प्रतिशत हो गई है।
शेखावत ने बताया कि मध्य प्रदेश में 62 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश में जहां 2022 में राज्य के 2 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस घोषित हुए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 47 प्रतिशत हो गया है।
जल शक्ति मंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (जी) के दूसरे चरण की गतिविधियों के लिए नए वित्त वर्ष में 52,049 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। इसमें केंद्र सरकार 14,030 करोड़ रुपए की मदद राज्यों को करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि देश में सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च अंत तक हर सेकेंड एक परिवार को नल से स्वच्छ जल पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है।
शेखावत ने बताया कि 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत अब तक देश में करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाने में सफलता मिली है।
उन्होंने बताया कि इस साल 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच हर सेकेंड एक ग्रामीण परिवार को नल से जल योजना से जोड़ने का रिकॉर्ड बनाया गया।
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