मोदी की डिग्री: भाजपा ने केजरीवाल पर ''''झूठ फैलाने'''' का आरोप लगाया

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 09:38 AM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने एक आदेश को शुक्रवार को रद्द किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘झूठ फैलाने’ का आरोप लगाया।

यह आदेश प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने के बारे में था। सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने के लिए कहा।

भाजपा ने ‘असत्यापित’ आरोप लगाने के लिए आप प्रमुख के उनके नेताओं से माफी मांगने का भी उदाहरण दिया और कहा कि ‘इतिहास खुद को दोहरा रहा है’।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘केजरीवाल जो कर रहे हैं वह उनकी हताशा को दर्शाता है। वह स्वाभाविक रूप से निराश हैं क्योंकि उनकी सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार और शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में जेल में हैं। उनकी टिप्पणियां इसी का परिणाम हैं।’’
पात्रा ने केजरीवाल के खिलाफ तीखा हमला ऐसे समय में किया है जब आप नेता प्रधानमंत्री मोदी पर उनकी शिक्षा और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लगातार हमलावर हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के एक अन्य प्रमुख चेहरे दिवंगत अरुण जेटली से उनके खिलाफ आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।

केजरीवाल ने भ्रष्टाचार सहित अपने अन्य ‘झूठे’ आरोपों के लिए माफी मांगने के बाद अदालत के बाहर मामले को सुलझाया।

पात्रा ने अदालत की ‘कड़ी टिप्पणियों’ और उन पर जुर्माने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इतिहास आज खुद को दोहरा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल या उनकी पार्टी के लिए यह कोई नई बात नहीं है।’’
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘‘गुजरात उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को फटकार लगाई। प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में तुच्छ याचिकाएं दायर करने के लिए उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया।’’
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘झूठ बोलना और अप्रिय टिप्पणी करना, प्रधानमंत्री के पद के बारे में झूठ फैलाना फैशन बन गया है और केजरीवाल इस संबंध में राहुल गांधी के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में हैं, लेकिन आज उन्हें उच्च न्यायालय ने उनकी जगह दिखा दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि केजरीवाल अब राहुल की तरह न्यायपालिका पर अपमानजनक टिप्पणी नहीं करेंगे। इसे ‘साक्षर और फिर भी अशिक्षित’ के रूप में गिना जाएगा।’’
इस मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील पर्सी कविना के अनुरोध के बावजूद न्यायमूर्ति वैष्णव ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

अप्रैल 2016 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को मोदी को प्राप्त डिग्रियों के बारे में केजरीवाल को जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था। तीन महीने बाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी, जब विश्वविद्यालय ने उस आदेश के खिलाफ अदालत का रुख किया।



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