सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद अमृतपाल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है: पंजाब सरकार ने अदालत से कहा

Wednesday, Mar 29, 2023 - 07:13 PM (IST)

चंडीगढ़, 29 मार्च (भाषा) पंजाब सरकार ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ‘‘सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद’’ अलगाववादी अमृतपाल सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

न्यायमूर्ति एन एस शेखावत अधिवक्ता इमान सिंह खाड़ा द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका में अमृतपाल सिंह को पुलिस की कथित हिरासत से ‘‘रिहा’’ करने का अनुरोध किया गया था।

खाड़ा द्वारा हाल ही में यह दावा करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी कि अमृतपाल सिंह पुलिस की ‘‘अवैध हिरासत’’ में है।

इस मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता ने इसको लेकर सबूत पेश करने के लिए अदालत से और समय मांगा कि अमृतपाल पुलिस की ‘‘अवैध हिरासत’’ में है।

अदालत ने मंगलवार को कहा था कि राज्य का रुख यह है कि अमृतपाल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इसने याचिकाकर्ता को इस बारे में सबूत दिखाने के लिए कहा था कि अमृतपाल ‘‘अवैध हिरासत’’ में है।

राज्य सरकार ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीमा रेंज) नरिंदर भार्गव के जरिये उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे के जरिए कहा कि अमृतपाल फरार है।

हलफनामे के अनुसार, ‘‘अमृतपाल सिंह को पकड़ने और हिरासत में लेने के लिए छापेमारी की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में कई टीम ने अमृतपाल सिंह के विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है।’’
हलफनामे के अनुसार, ‘‘लेकिन पुलिस की ओर से बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, उसे अब तक गिरफ्तार/हिरासत में नहीं लिया जा सका है।’’
हलफनामे के अनुसार, 28 मार्च को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमृतसर (ग्रामीण) द्वारा अमृतपाल सिंह के ठिकाने के बारे में जानकारी देने के बारे में एक नोटिस भी जारी किया गया था।

इसमें कहा गया कि इसे देश के सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि पंजाब के सभी जिलों और आसपास के सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस प्रसारित किया गया है।

उच्च न्यायालय ने 21 मार्च को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को खुफिया विफलता पर फटकार लगाई थी जिसके कारण अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने पुलिस को चकमा दे दिया।

अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था। इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। अमृतपाल उसके बाद से ही फरार है। वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था।



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PTI News Agency

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