मेट्रो की संपत्ति, बैंक खातों को कुर्की से बचाने के लिए सरकार ने 2002 के कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा
punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 10:24 AM (IST)

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने मेट्रो रेल की किसी भी संपत्ति या बैंक खातों को कुर्क होने से बचाने के लिए मेट्रो रेल (संचालन एवं रखरखाव) अधिनियम, 2002 की एक धारा को संशोधित करने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह कदम दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से संबंधित मामले में उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर आया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को केंद्र से कहा था कि वह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली डीएएमईपीएल को मध्यस्थता निर्णय के तहत बकाये के भुगतान को लेकर डीएमआरसी की चल और अचल संपत्ति कुर्क करने की मंजूरी देने के मुद्दे पर फैसला करे।
मार्च में मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी ज्ञापन में लिखा है, ‘‘मुझे यह निर्देश दिया गया है कि यह मंत्रालय मेट्रो रेल (संचालन और रखरखाव) अधिनियम 2002 (2002 का 60) की धारा 89 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखता है। अनुबंध-एक में इसकी पृष्ठभूमि की सूचना संलग्न है।’’
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि ‘‘अनुरोध है कि इस कार्यालय ज्ञापन के जारी होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर मसौदा विधेयक के संबंध में जल्द से जल्द टिप्पणियां प्रदान करें।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यह कदम दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से संबंधित मामले में उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर आया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को केंद्र से कहा था कि वह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली डीएएमईपीएल को मध्यस्थता निर्णय के तहत बकाये के भुगतान को लेकर डीएमआरसी की चल और अचल संपत्ति कुर्क करने की मंजूरी देने के मुद्दे पर फैसला करे।
मार्च में मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी ज्ञापन में लिखा है, ‘‘मुझे यह निर्देश दिया गया है कि यह मंत्रालय मेट्रो रेल (संचालन और रखरखाव) अधिनियम 2002 (2002 का 60) की धारा 89 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखता है। अनुबंध-एक में इसकी पृष्ठभूमि की सूचना संलग्न है।’’
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि ‘‘अनुरोध है कि इस कार्यालय ज्ञापन के जारी होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर मसौदा विधेयक के संबंध में जल्द से जल्द टिप्पणियां प्रदान करें।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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