वित्त मंत्री सीतारमण ने एसटीटी दर में सुधार के लिए वित्त विधेयक में संशोधन पेश किया
punjabkesari.in Monday, Mar 27, 2023 - 04:30 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यसभा में वित्त विधेयक में संशोधन पेश किया, ताकि वायदा एवं विकल्प अनुबंधों में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) की दर के आंकड़ों को दुरुस्त किया जा सके।
वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश संशोधन में विकल्पों पर प्रतिभूति लेनदेन कर 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत करने और वायदा अनुबंधों पर 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
लोकसभा ने शुक्रवार को ही वित्त विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी थी। लोकसभा में वित्त विधेयक पर 64 आधिकारिक संशोधन पेश किए गए थे। निचले सदन द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि विकल्प कारोबार पर एसटीटी में बदलाव के संबंध में संशोधनों में ‘‘टाइपोग्राफिक’’ गड़बड़ी थी।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस गड़बड़ी को प्रक्रिया के तहत सुधारा जाएगा।
उच्च सदन से संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद बाद शाम चार बजे लोकसभा की बैठक शुरू होने पर निचले सदन ने भी उसे स्वीकार कर लिया।
इससे पहले, उच्च सदन ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू होते ही कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के कई सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक सदन में पेश किया। सदन ने चर्चा के बिना जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को सदन में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने एसटीटी दर संबंधी संशोधन भी पेश किया।
इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया।
सभापति धनखड़ ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया।
लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। निचले सदन में यह विधेयक 24 मार्च को पारित हुआ था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश संशोधन में विकल्पों पर प्रतिभूति लेनदेन कर 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत करने और वायदा अनुबंधों पर 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
लोकसभा ने शुक्रवार को ही वित्त विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी थी। लोकसभा में वित्त विधेयक पर 64 आधिकारिक संशोधन पेश किए गए थे। निचले सदन द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि विकल्प कारोबार पर एसटीटी में बदलाव के संबंध में संशोधनों में ‘‘टाइपोग्राफिक’’ गड़बड़ी थी।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस गड़बड़ी को प्रक्रिया के तहत सुधारा जाएगा।
उच्च सदन से संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद बाद शाम चार बजे लोकसभा की बैठक शुरू होने पर निचले सदन ने भी उसे स्वीकार कर लिया।
इससे पहले, उच्च सदन ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू होते ही कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के कई सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक सदन में पेश किया। सदन ने चर्चा के बिना जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया।
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को सदन में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने एसटीटी दर संबंधी संशोधन भी पेश किया।
इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया।
सभापति धनखड़ ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया।
लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। निचले सदन में यह विधेयक 24 मार्च को पारित हुआ था।
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