संसदीय समिति ने शहरी गरीबों के लाभ के लिए आवास योजना में संशोधन का सुझाव दिया
punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:10 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने सरकार से अनुशंसा की है कि वह अपनी शहरी आवास योजना के प्रभाव का आकलन करे तथा वह इसमें संशोधन या फिर समान तरह के लाभ का प्रावधान करके इसे आगे बढ़ाने की संभावना पर विचार करे ताकि शहरी गरीबों को आवास का फायदा मिले तथा ‘सभी के लिए आवास का लक्ष्य भी पूरा हो सके।
आवास और शहरी कार्य संबंधी स्थायी समिति ने यह जानकारी भी मांगी है कि ‘इन-सीटू स्लम पुनर्विकास’ (आईएसएसआर) के क्रियान्वयन के बाद से कितनी झुग्गी बस्तियों को अधिसूचना के दायरे से बाहर किया गया है।
समिति का कहना है कि मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने मिशन एवं योजनाओं के परिणाम से संबंधित आंकड़े रखे।
जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा के पटल पर रखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के आकलन को लेकर स्वतंत्र अध्ययन नहीं कराया है।
समिति ने सुझाव दिया कि मंत्रालय इस योजना में संशोधन या फिर समान तरह के लाभ का प्रावधान करके इसे आगे बढ़ाने की संभावना पर विचार करे ताकि शहरी गरीबों को आवास का फायदा मिल सके तथा ‘सभी के लिए आवास का लक्ष्य भी पूरा हो सके।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आवास और शहरी कार्य संबंधी स्थायी समिति ने यह जानकारी भी मांगी है कि ‘इन-सीटू स्लम पुनर्विकास’ (आईएसएसआर) के क्रियान्वयन के बाद से कितनी झुग्गी बस्तियों को अधिसूचना के दायरे से बाहर किया गया है।
समिति का कहना है कि मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने मिशन एवं योजनाओं के परिणाम से संबंधित आंकड़े रखे।
जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा के पटल पर रखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के आकलन को लेकर स्वतंत्र अध्ययन नहीं कराया है।
समिति ने सुझाव दिया कि मंत्रालय इस योजना में संशोधन या फिर समान तरह के लाभ का प्रावधान करके इसे आगे बढ़ाने की संभावना पर विचार करे ताकि शहरी गरीबों को आवास का फायदा मिल सके तथा ‘सभी के लिए आवास का लक्ष्य भी पूरा हो सके।
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