कोविड रोगियों में सांस की तकलीफ, थकान, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं देखी गईं : सरकार

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:10 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) कोविड-19 की राष्ट्रीय नैदानिक रजिस्ट्री के प्रतिभागियों ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के 30-60 दिनों के बाद डिस्पेनिया या सांस लेने में तकलीफ (18.6 प्रतिशत), थकान (10.5 प्रतिशत) और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं (9.3 प्रतिशत) की शिकायत की है। सरकार ने संसद को यह जानकारी दी
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 रजिस्ट्री के हिस्से के रूप में बड़ी जटिलताओं और कोरोना वायरस संक्रमण के संबंध के अध्ययन की संभावना का पता लगाने के लिए पोस्ट-कोविड सीक्वल पर अध्ययन को मंजूरी दे दी है।

आईसीएमआर के अनुसार, कोविड-19 की राष्ट्रीय नैदानिक रजिस्ट्री के प्रतिभागियों में से, जिनका एक वर्ष तक पालन किया गया था, यह पाया गया कि 8,042 प्रतिभागियों में से क्रमशः 18.6 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत के बीच डिस्पेनिया, थकान और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे सामने आए थे।

पवार ने कहा कि एक साल के फॉलो-अप पर, 2,192 प्रतिभागियों में इसे घटाकर क्रमशः 11.9 प्रतिशत, 6.6 प्रतिशत और 9 प्रतिशत कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) ने डेटा के अपने प्रारंभिक विश्लेषण में खुलासा किया है कि लगभग दो प्रतिशत प्रतिभागियों ने उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे नए लक्षणों के विकास की सूचना दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्ट-कोविड सीक्वल के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं।

दिशानिर्देश सामान्य प्रस्तुत संकेतों और लक्षणों, सिस्टम-वार जटिलताओं, आवश्यक जांच, अन्य अंतर निदान और नैदानिक उपचार पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के प्रबंधन सहित कोविड-19 नैदानिक प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर राज्य और जिला स्तर पर सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में लगे स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए वेबिनार की एक श्रृंखला आयोजित की है।

ये वेबिनार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली और अन्य राज्य स्तरीय उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किए गए हैं।

आईसीएमआर ने कोविड-19 के नैदानिक उपचार और परिणामों को पकड़ने के लिए देश भर में एक कोविड क्लिनिकल रजिस्ट्री स्थापित की है। यह जानकारी केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों तक ही सीमित है।

महाधमनी और फेफड़ों की सूजन, म्यूकोर्मिकोसिस आदि जैसी विभिन्न स्थितियों पर पोस्ट कोविड अध्ययन किए गए हैं।

पवार ने अपने जवाब में कहा कि हालांकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, लेकिन भारत सरकार ने राज्यों को सलाह दी है कि वे कोरोना वायरस के बाद की विभिन्न स्थितियों से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने संबंधित उचित स्वास्थ्य केंद्रों में पोस्ट-कोविड क्लीनिक स्थापित करें।



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