गतिरोध दूर करने के लिए सभापति धनखड़ की ओर से बुलाई गई बैठक में नहीं शामिल हुए विपक्षी दल
punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:10 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से मंगलवार को बुलाई गई विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया।
धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित’’ बताया और उनसे फिर से अपराह्न ढाई बजे अपने कक्ष में आमंत्रित किया।उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में यह जानकारी दी गई।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा उनसे माफी की मांग और कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने में सरकार की विफलता के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
सभापति धनखड़ ने सभी दलों के सदन के नेताओं को अपने कक्ष में पूर्सावाह्न साढ़े ग्यारह बजे चर्चा के लिए बुलाया था।
उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘‘सुबह 11:30 बजे भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा के नेता मौजूद थे। हालांकि अन्य दलों के सदन के नेताओं ने भाग नहीं लिया।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल के मुख्य सचेतक और द्रमुक संसदीय दल के सदन के नेता ने बैठक से पहले सभापति से मुलाकात की और संकेत दिया कि विपक्षी दल सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे।
इस पर सभापति ने इन दोनों नेताओं को संकेत दिया कि यह ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित’’ होगा और उनकी भावनाओं से विपक्षी नेताओं को अवगत कराया जाना चाहिए।
सभापति ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा को छोड़कर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आप, बीजद, राजद, माकपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, राकांपा, सपा, शिवसेना, भाकपा, टीआरएस, अगप और अन्य दलों के नेता अनुपस्थित थे।
सभापति ने कहा, ‘‘राज्यसभा और उच्च सदन में पिछले कुछ दिनों से गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण रहा है और इसे दूर करने के लिए बैठक बुलाई गई थी।’’
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय सभापति को आज सुबह 11:30 बजे बैठक से अनुपस्थित रहने वाले दलों के सदन के नेताओं से अनुरोध करना उचित लगता है कि वे अपने निर्णय पर फिर से विचार करें और आज दोपहर 2:30 बजे उनके चैंबर में निर्धारित बैठक में भाग लें।’’
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका।
बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है और यह छह अप्रैल तक चलना प्रस्तावित है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित’’ बताया और उनसे फिर से अपराह्न ढाई बजे अपने कक्ष में आमंत्रित किया।उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में यह जानकारी दी गई।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा उनसे माफी की मांग और कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने में सरकार की विफलता के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
सभापति धनखड़ ने सभी दलों के सदन के नेताओं को अपने कक्ष में पूर्सावाह्न साढ़े ग्यारह बजे चर्चा के लिए बुलाया था।
उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘‘सुबह 11:30 बजे भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा के नेता मौजूद थे। हालांकि अन्य दलों के सदन के नेताओं ने भाग नहीं लिया।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल के मुख्य सचेतक और द्रमुक संसदीय दल के सदन के नेता ने बैठक से पहले सभापति से मुलाकात की और संकेत दिया कि विपक्षी दल सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे।
इस पर सभापति ने इन दोनों नेताओं को संकेत दिया कि यह ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित’’ होगा और उनकी भावनाओं से विपक्षी नेताओं को अवगत कराया जाना चाहिए।
सभापति ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा को छोड़कर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आप, बीजद, राजद, माकपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, राकांपा, सपा, शिवसेना, भाकपा, टीआरएस, अगप और अन्य दलों के नेता अनुपस्थित थे।
सभापति ने कहा, ‘‘राज्यसभा और उच्च सदन में पिछले कुछ दिनों से गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण रहा है और इसे दूर करने के लिए बैठक बुलाई गई थी।’’
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय सभापति को आज सुबह 11:30 बजे बैठक से अनुपस्थित रहने वाले दलों के सदन के नेताओं से अनुरोध करना उचित लगता है कि वे अपने निर्णय पर फिर से विचार करें और आज दोपहर 2:30 बजे उनके चैंबर में निर्धारित बैठक में भाग लें।’’
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका।
बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है और यह छह अप्रैल तक चलना प्रस्तावित है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।