रक्षा उद्योग को निर्देशित ऊर्जा, हाइपरसोनिक हथियारों पर काम करने की जरूरत: वायुसेना प्रमुख
punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:09 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग को उन्नत निर्देशित ऊर्जा और हाइपरसोनिक हथियारों पर काम करने की जरूरत है।
चौधरी ने साथ ही यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए "एयरोस्पेस फोर्स" बनने का समय आ गया है।
''पीएचडीसीसीआई डीईएफ एक्स टेक इंडिया 2023'' में उद्घाटन भाषण देते हुए उन्होंने भविष्य की तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया और कहा कि भविष्य में युद्ध जमीन, हवा और समुद्र के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी लड़े जाएंगे।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देश जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तो उसके हथियार अलग होंगे। उन्होंने कहा कि निर्देशित ऊर्जा और हाइपरसोनिक हथियारों जैसे हथियारों का पहले ही अन्य देशों द्वारा "परीक्षण और उपयोग" किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘(देश की आजादी के) 100 साल होने पर भारत के हथियार (देश की आजादी के) 75 के दौर के भारत के हथियारों से बहुत अलग दिखेंगे। निर्देशित ऊर्जा हथियार (डीईडब्ल्यू) और हाइपरसोनिक हथियारों का पहले ही परीक्षण और उपयोग किया गया है। डीईडब्ल्यू, विशेष रूप से लेजर, पारंपरिक हथियारों पर महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं।’’
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे रक्षा उद्योगों को इन हथियारों के विकास को आगे बढ़ाने की जरूरत है और वांछित मारक क्षमता और सटीकता प्राप्त करने के लिए उन्हें हवाई ‘प्लेटफॉर्म’ पर एकीकृत करने की भी जरूरत है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
चौधरी ने साथ ही यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए "एयरोस्पेस फोर्स" बनने का समय आ गया है।
''पीएचडीसीसीआई डीईएफ एक्स टेक इंडिया 2023'' में उद्घाटन भाषण देते हुए उन्होंने भविष्य की तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया और कहा कि भविष्य में युद्ध जमीन, हवा और समुद्र के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी लड़े जाएंगे।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देश जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तो उसके हथियार अलग होंगे। उन्होंने कहा कि निर्देशित ऊर्जा और हाइपरसोनिक हथियारों जैसे हथियारों का पहले ही अन्य देशों द्वारा "परीक्षण और उपयोग" किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘(देश की आजादी के) 100 साल होने पर भारत के हथियार (देश की आजादी के) 75 के दौर के भारत के हथियारों से बहुत अलग दिखेंगे। निर्देशित ऊर्जा हथियार (डीईडब्ल्यू) और हाइपरसोनिक हथियारों का पहले ही परीक्षण और उपयोग किया गया है। डीईडब्ल्यू, विशेष रूप से लेजर, पारंपरिक हथियारों पर महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं।’’
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे रक्षा उद्योगों को इन हथियारों के विकास को आगे बढ़ाने की जरूरत है और वांछित मारक क्षमता और सटीकता प्राप्त करने के लिए उन्हें हवाई ‘प्लेटफॉर्म’ पर एकीकृत करने की भी जरूरत है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।