छावनी बोर्ड ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए मतदाता सूची में संशोधन किया: अजय भट्ट
punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2023 - 07:24 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद छावनी बोर्डों ने रक्षा भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के नाम हटाकर अपनी मतदाता सूची में संशोधन किया है।
संसद के उच्च सदन के एक सदस्य ने पूछा था कि क्या मंत्रालय को इस बात की जानकारी है कि छावनी क्षेत्रों में रहने वाले कई लोगों को मतदान के अधिकार से बाहर रखा गया है और क्या सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर छावनी बोर्ड चुनाव कराने की कोई योजना है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में कहा कि 27 सितंबर 2016 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में छावनी बोर्डों ने रक्षा भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के नाम हटाकर अपनी मतदाता सूची में संशोधन किया है।
मंत्री ने कहा कि छावनी अधिनियम, 2006 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति, जो केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा तय किया जाता है और उसकी आयु अठारह वर्ष से कम नहीं है और जो योग्यता तिथि से ठीक पहले कम से कम छह महीने की अवधि के लिए छावनी में रहा हो तो मतदाता के रूप में नामांकित होने का हकदार होगा।
शीर्ष अदालत ने सितंबर 2016 में अपने आदेश में कहा था कि छावनी बोर्ड अतिक्रमणकारियों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए अधिकृत नहीं है।
शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने देश भर में छावनी बोर्डों के चुनाव रद्द कर दिए थे।
मंत्रालय के अनुसार, देश भर में 62 छावनी (कैंटोनमेंट) बोर्ड हैं। सबसे अधिक 13 कैंटोनमेंट बोर्ड उत्तर प्रदेश में हैं, इसके बाद उत्तराखंड में नौ ऐसे बोर्ड हैं। महाराष्ट्र में सात छावनियां, मध्य प्रदेश में पांच और पंजाब में तीन छावनी बोर्ड हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
संसद के उच्च सदन के एक सदस्य ने पूछा था कि क्या मंत्रालय को इस बात की जानकारी है कि छावनी क्षेत्रों में रहने वाले कई लोगों को मतदान के अधिकार से बाहर रखा गया है और क्या सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर छावनी बोर्ड चुनाव कराने की कोई योजना है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में कहा कि 27 सितंबर 2016 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में छावनी बोर्डों ने रक्षा भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के नाम हटाकर अपनी मतदाता सूची में संशोधन किया है।
मंत्री ने कहा कि छावनी अधिनियम, 2006 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति, जो केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा तय किया जाता है और उसकी आयु अठारह वर्ष से कम नहीं है और जो योग्यता तिथि से ठीक पहले कम से कम छह महीने की अवधि के लिए छावनी में रहा हो तो मतदाता के रूप में नामांकित होने का हकदार होगा।
शीर्ष अदालत ने सितंबर 2016 में अपने आदेश में कहा था कि छावनी बोर्ड अतिक्रमणकारियों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए अधिकृत नहीं है।
शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने देश भर में छावनी बोर्डों के चुनाव रद्द कर दिए थे।
मंत्रालय के अनुसार, देश भर में 62 छावनी (कैंटोनमेंट) बोर्ड हैं। सबसे अधिक 13 कैंटोनमेंट बोर्ड उत्तर प्रदेश में हैं, इसके बाद उत्तराखंड में नौ ऐसे बोर्ड हैं। महाराष्ट्र में सात छावनियां, मध्य प्रदेश में पांच और पंजाब में तीन छावनी बोर्ड हैं।
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