अमृत 2.0 योजना के तहत 6,527 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई: कौशल किशोर
punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 05:19 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत अब तक 6,527 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने भाजपा के अनिल बलूनी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस योजना के तहत परियोजनाओं के लिए 45,482 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है। इनमें से 5,318 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अमृत योजना का उद्देश्य शहरों को ‘जल सुरक्षित’ बनाना और देश के सभी सांविधिक नगरों के सभी घरों में चालू स्थिति के नलों के माध्यम से पानी की आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना है। इसका उद्देश्य योजना के पहले चरण में शामिल 500 शहरों के सभी घरों को सीवेज प्रबंधन प्रदान करना भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय द्वारा अब तक 6,527 परियोजनाओं को अनुमोदित किया जा चुका है। इनमें से 28,774.91 करोड़ रुपये की 1,492 परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा चुकी है, 9,796.27 करोड़ रुपये की 306 परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की गई हैं जबकि 2,571.98 करोड़ रुपये की 166 परियोजनाएओं का कार्य सौंपा गया है और ये कार्यान्वयन के अधीन हैं।’’
किशोर ने कहा, ‘‘इसके अलावा, छह परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।’’
अमृत 2.0 को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए 1 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया था।
राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि अमृत 1.0 के तहत, उत्तराखंड ने 151 परियोजनाएं शुरू कीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से अब तक 121 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और अन्य 30 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।’’
अमृत 2.0 योजना के तहत चल रही परियोजनाओं के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए 263.04 करोड़ रुपये की लागत वाली 19 परियोजनाओं के लिए मंत्रालय द्वारा राज्य जल कार्य योजना (एसडब्ल्यूएपी) के भाग एक को अनुमोदित किया जा चुका है, जिसमें 210.38 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध केंद्रीय सहायता भी शामिल है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने भाजपा के अनिल बलूनी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस योजना के तहत परियोजनाओं के लिए 45,482 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है। इनमें से 5,318 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अमृत योजना का उद्देश्य शहरों को ‘जल सुरक्षित’ बनाना और देश के सभी सांविधिक नगरों के सभी घरों में चालू स्थिति के नलों के माध्यम से पानी की आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना है। इसका उद्देश्य योजना के पहले चरण में शामिल 500 शहरों के सभी घरों को सीवेज प्रबंधन प्रदान करना भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय द्वारा अब तक 6,527 परियोजनाओं को अनुमोदित किया जा चुका है। इनमें से 28,774.91 करोड़ रुपये की 1,492 परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा चुकी है, 9,796.27 करोड़ रुपये की 306 परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की गई हैं जबकि 2,571.98 करोड़ रुपये की 166 परियोजनाएओं का कार्य सौंपा गया है और ये कार्यान्वयन के अधीन हैं।’’
किशोर ने कहा, ‘‘इसके अलावा, छह परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।’’
अमृत 2.0 को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए 1 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया था।
राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि अमृत 1.0 के तहत, उत्तराखंड ने 151 परियोजनाएं शुरू कीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से अब तक 121 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और अन्य 30 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।’’
अमृत 2.0 योजना के तहत चल रही परियोजनाओं के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए 263.04 करोड़ रुपये की लागत वाली 19 परियोजनाओं के लिए मंत्रालय द्वारा राज्य जल कार्य योजना (एसडब्ल्यूएपी) के भाग एक को अनुमोदित किया जा चुका है, जिसमें 210.38 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध केंद्रीय सहायता भी शामिल है।
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