तृणमूल कांग्रेस ने संसद में चर्चा का समर्थन किया जबकि विपक्षी पार्टियों ने कार्यवाही बाधित की

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 10:49 PM (IST)

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) आडाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी पार्टियां संसद की कार्यवाही बाधित कर रही हैं। हालांकि, सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की इस मुद्दे पर रणनीति को लेकर विचार अन्य दलों से भिन्न रहे जिसने मोदी सरकार को ‘बेनकाब’ करने के लिए दोनों सदनों में चर्चा का समर्थन किया।

तृणमूल कांग्रेस सुबह विपक्ष के नेताओं की बैठक से नदारद रही लेकिन संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अडाणी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग को लेकर विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
ससंद में अडाणी मामले में साझा रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं की बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में हुई जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), समाजवादी पार्टी (सपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रीय लोकदल, आरएसपी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना,आईएमयूएल, द्रविड मुन्नेत्र कडगम (द्रमुक), भारत राष्ट्र समिति के नेता शामिल हुए।

तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चाहते हैं और सरकार को बेनकाब करना चाहते हैं। हम विपक्षी दल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बहस में चित करेंगे और मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। देखते हैं कल क्या होता है।’’
रविवार को भी तृणमूल नेता ने कहा था कि वह बहस चाहते हैं न कि हंगामा और कोई भी पार्टी अगर सदन की कार्यवाही को बाधित करती है तो समझा जाएगा कि वह भाजपा के साथ है।
ओ ब्रायन ने इससे पहले सोमवार को ट्वीट किया था कि सभी विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार जबतक स्वयं संसद को बाधित नहीं करे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे जो दोनों सदनों में अपराह्न दो बजे शुरू होगी।
हालांकि, विपक्ष द्वारा तीसरे दिन में भी कार्यवाही बाधित किए जाने की वजह से चर्चा नहीं हो सकी।
संसद में चर्चा नहीं हो पाना तृणमूल की छवि के लिए झटका माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने चर्चा के बजाय कार्यवाही बाधित करने पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने बताया कि दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चर्चा में हिस्सा लेने को इच्छुक हैं।



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