जिला, निचली अदालतों में 20 साल से अधिक समय से करीब 6.72 लाख मामले लंबित :रीजीजू
punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2023 - 07:10 PM (IST)

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि देश की विभिन्न जिला और अधीनस्थ अदालतों में 20 साल से अधिक समय से करीब 6.72 लाख मामले लंबित हैं।
वहीं, उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 2,94,547 है।
कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘27 जनवरी, 2023 को एकीकृत मामला प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईसीएमआईएस) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, उच्चतम न्यायालय में 20 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या 208 है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार (25) उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 2,94,547 और जिला तथा अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 6,71,543 है जो 20 से अधिक वर्षों से लंबित हैं।’’
रीजीजू ने कहा कि अदालती मामलों के इतने लंबे समय से लंबित रहने के विषय पर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं हैं।
कानून मंत्री ने कहा, ‘‘अदालती मामलों के लंबित रहने की समस्या के अनेक पहलू हैं। देश की आबादी में वृद्धि और जनता के बीच उनके अधिकारों को लेकर जागरुकता के कारण हर साल तेजी से बड़ी संख्या में नये मामले दायर किये जा रहे हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वहीं, उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 2,94,547 है।
कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘27 जनवरी, 2023 को एकीकृत मामला प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईसीएमआईएस) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, उच्चतम न्यायालय में 20 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या 208 है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार (25) उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 2,94,547 और जिला तथा अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 6,71,543 है जो 20 से अधिक वर्षों से लंबित हैं।’’
रीजीजू ने कहा कि अदालती मामलों के इतने लंबे समय से लंबित रहने के विषय पर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं हैं।
कानून मंत्री ने कहा, ‘‘अदालती मामलों के लंबित रहने की समस्या के अनेक पहलू हैं। देश की आबादी में वृद्धि और जनता के बीच उनके अधिकारों को लेकर जागरुकता के कारण हर साल तेजी से बड़ी संख्या में नये मामले दायर किये जा रहे हैं।’’
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