चुनौतियों से गुजर रही और विभाजित दुनिया को किसी न किसी रूप में जोड़ रहा है भारत : राष्ट्रपति मुर्मू

punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 01:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि दुनिया आज अनेक चुनौतियों से गुज़र रही है लेकिन इन परिस्थितियों में भारत ऐसे देश के रूप में उभरा है जो विभाजित दुनिया को किसी न किसी रूप में जोड़ रहा है, साथ ही राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए उसने विश्व के सामने अपना मानवीय स्वरूप भी रखा है।

उन्होंने कहा कि यह भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन दौर है और ‘‘ हमने दुनिया के विभिन्न देशों के साथ अपने सहयोग और मित्रता को सशक्त किया है।’’
राष्ट्रपति ने यह बात बजट सत्र के पहले दिन, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पहले अभिभाषण में कही।
मुर्मू ने कहा, ‘‘ आज दुनिया अनेक चुनौतियों से गुज़र रही है। दशकों पहले बनी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की प्रासंगिकता और प्रभाव पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। इन परिस्थितियों में भारत ऐसा देश बनकर उभरा है जो आज की विभाजित दुनिया को किसी न किसी रूप में जोड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत आज उन देशों में से एक है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर विश्वास को फिर से सशक्त बना रहे हैं, इसलिए आज दुनिया भारत की तरफ उम्मीद की नज़रों से देख रही है।
जी20 समूह की भारत की अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष देश जी-20 जैसे प्रभावी समूह का नेतृत्व कर रहा है तथा ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’ के मंत्र के साथ पूरा प्रयास कर रहा है कि जी-20 के सदस्य देशों के साथ मिलकर मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान तलाशा जाए।
मुर्मू ने कहा, ‘‘ मेरी सरकार इसको सिर्फ एक राजनयिक कार्यक्रम तक ही सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि यह पूरे देश के प्रयास से, भारत के सामर्थ्य और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर है। इसलिए पूरे देश के दर्जनों शहरों में सालभर जी-20 की बैठकें आयोजित की जा रही हैं।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि यह भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन दौर है और हमने दुनिया के विभिन्न देशों के साथ अपने सहयोग और मित्रता को सशक्त किया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ हम इस वर्ष शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हम क्वाड (भारत प्रशांत चतुष्कोणीय वार्ता) का सदस्य होने के नाते, हिन्द प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी भूमिका का विस्तार किया है। अफगानिस्तान में भूकंप हो या फिर श्रीलंका का संकट, हम सबसे पहले मानवीय सहायता लेकर पहुंचे।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को लेकर आज जो सद्भाव है उसका लाभ हमें अफगानिस्तान और यूक्रेन में पैदा हुए संकट के दौरान भी मिला। उन्होंने कहा कि संकट में फंसे अपने नागरिकों को हम इन देशों से सुरक्षित वापस लेकर आए हैं। ‘‘इस दौरान भारत ने कई अन्य देशों के नागरिकों की मदद करके अपना मानवीय स्वरूप फिर दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘ भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया है उसको भी आज दुनिया समझ रही है। इसलिए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई जिसमें भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भूमिका को स्पष्ट किया।
मुर्मू ने कहा, ‘‘ साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी मेरी सरकार गंभीरता से पूरे विश्व के सामने रख रही है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का साफ मानना है कि स्थाई शांति तभी संभव है, जब देश राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। ‘‘इसलिए अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर हम निरंतर बल दे रहे हैं।’’

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