सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज पर 26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
Tuesday, Jan 24, 2023 - 08:25 PM (IST)
नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कॉफी डे एंटरप्राइजेज पर 26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। कैफे कॉफी डे चलाने वाली कंपनी कॉफी डे पर यह कार्रवाई अनुषंगियों के धन का उपयोग प्रवर्तक से जुड़ी एक कंपनी में करने के मामले में हुई।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक आदेश में कहा कि कंपनी को यह जुर्माना 45 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड को मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड (एमएसीईएल) और उसकी संबंधित इकाइयों से अनुषंगी इकाइयों से सभी बकाया राशि ब्याज समेत वसूली के लिए हर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
कंपनी को बकाया राशि की वसूली के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए एनएसई से परामर्श कर एक स्वतंत्र विधि कंपनी नियुक्त करनी होगी।
सेबी के 43 पृष्ठ के आदेश के अनुसार, उसने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की सात अनुषंगी कंपनियों के 3,535 करोड़ रुपये मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड को दिये गये। यह कंपनी सीडीईएल के प्रवर्तकों से जुड़ी है।
ये सात अनुषंगी कंपनियां- कॉफी डे ग्लोबल, टेंग्लिन रिटेल रिएलिटी डेवलपमेंट्स, टेंग्लिन डेवलपमेंट्स, गिरि विद्युत (इंडिया) लिमिटेड, कॉफी डे होटल्स एंड रिजार्ट, कॉफी डे ट्रेडिंग और कॉफी डे एकॉन हैं।
सेबी ने कहा, ''''एमएसीईएल की सात अनुषंगियों से भेजा गया पैसा वीजीएस (वीजी सिद्धार्थ), उनके परिवार और संबंधित इकाइयों के निजी खातों में है और इसलिए व्यवस्था में बना रहा।''''
कॉफी डे के चेयरमैन वीजी सिद्धार्थ ने कथित रूप से जुलाई, 2019 में आत्महत्या कर ली थी। खबर है कि उन्होंने एक आत्महत्या से पहले निदेशक मंडल और कॉफी डे परिवार को संबोधित एक पत्र (सुसाइड नोट) भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि वे भारी कर्ज तले दबे हैं।
आदेश के अनुसार, एमएसीईएल लगभग वीजीएस के परिवार के स्वामित्व में है। परिवार की हिस्सेदारी 91.75 प्रतिशत है। साथ ही वीजीएस परिवार सीडीईएल का प्रवर्तक भी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक आदेश में कहा कि कंपनी को यह जुर्माना 45 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड को मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड (एमएसीईएल) और उसकी संबंधित इकाइयों से अनुषंगी इकाइयों से सभी बकाया राशि ब्याज समेत वसूली के लिए हर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
कंपनी को बकाया राशि की वसूली के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए एनएसई से परामर्श कर एक स्वतंत्र विधि कंपनी नियुक्त करनी होगी।
सेबी के 43 पृष्ठ के आदेश के अनुसार, उसने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की सात अनुषंगी कंपनियों के 3,535 करोड़ रुपये मैसूर एमल्गमेटेड कॉफी एस्टेट्स लिमिटेड को दिये गये। यह कंपनी सीडीईएल के प्रवर्तकों से जुड़ी है।
ये सात अनुषंगी कंपनियां- कॉफी डे ग्लोबल, टेंग्लिन रिटेल रिएलिटी डेवलपमेंट्स, टेंग्लिन डेवलपमेंट्स, गिरि विद्युत (इंडिया) लिमिटेड, कॉफी डे होटल्स एंड रिजार्ट, कॉफी डे ट्रेडिंग और कॉफी डे एकॉन हैं।
सेबी ने कहा, ''''एमएसीईएल की सात अनुषंगियों से भेजा गया पैसा वीजीएस (वीजी सिद्धार्थ), उनके परिवार और संबंधित इकाइयों के निजी खातों में है और इसलिए व्यवस्था में बना रहा।''''
कॉफी डे के चेयरमैन वीजी सिद्धार्थ ने कथित रूप से जुलाई, 2019 में आत्महत्या कर ली थी। खबर है कि उन्होंने एक आत्महत्या से पहले निदेशक मंडल और कॉफी डे परिवार को संबोधित एक पत्र (सुसाइड नोट) भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि वे भारी कर्ज तले दबे हैं।
आदेश के अनुसार, एमएसीईएल लगभग वीजीएस के परिवार के स्वामित्व में है। परिवार की हिस्सेदारी 91.75 प्रतिशत है। साथ ही वीजीएस परिवार सीडीईएल का प्रवर्तक भी है।
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