अनुशासित बल में कदाचार, अवज्ञा बर्दाश्त नहीं की जा सकती : न्यायालय

Thursday, Jan 19, 2023 - 10:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने नशे में अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक सिपाही की बर्खास्तगी को बृहस्पतिवार को बरकरार रखा और कहा कि अनुशासित बल में कदाचार और अवज्ञा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय का वह आदेश रद्द कर दिया, जिसमें अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा लगाये गये जुर्माने को रद्द कर दिया गया था और कॉन्स्टेबल को बिना किसी बकाया वेतन के सांकेतिक लाभ के साथ सेवा में रखने का निर्देश दिया गया था।

पीठ ने कहा, "वरिष्ठ अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार और अवज्ञा का मामला एक बहुत ही गंभीर कदाचार कहा जा सकता है और इसे सीआरपीएफ जैसे अनुशासित बल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और इसलिए उच्च न्यायालय की खंडपीठ की यह टिप्पणी उचित नहीं है कि साबित आरोपों और कदाचार के आधार पर बर्खास्तगी की सजा को अनुपातहीन कहा जा सकता है।’’
शीर्ष अदालत कांस्टेबल सुनील कुमार के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

आरोप है कि सिपाही ने नशे में धुत होकर अपने वरिष्ठ से बदसलूकी की थी और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising