लोकसभा में खेल पर चर्चा फिर शुरू हुई, सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में ध्यान देने का आग्रह किया
punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 07:19 PM (IST)
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) लोकसभा के अनेक सदस्यों ने बृहस्पतिवार को सरकार से अनुरोध किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवसंरचना तैयार की जाए और खेलों के लिए चयन में ग्रामीण युवाओं को शामिल करने के लिए कदम उठाये जाएं।
लोकसभा में खेल और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर चर्चा पुन: शुरू हुई। संसद के बजट सत्र में 31 मार्च को यह चर्चा शुरू हुई थी।
कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने कहा, ‘‘भारत जोड़ो एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और इसके साथ ही ‘भारत जीतो’ हो सकता है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के विकास के लिए निजी क्षेत्र को शामिल किया जाना चाहिए।
टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां निजी क्षेत्र के उन लोगों के पीछे पड़ी हैं जो सरकार का समर्थन नहीं करते।
सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने ‘खेलो इंडिया’ पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि देखना होगा कि यह योजना जमीनी स्तर पर बदलाव कैसे लाती है। उन्होंने भी खेल के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
वाईएसआर कांग्रेस सांसद लाव श्रीकृष्णा ने कहा कि देशभर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा है और उनका मानना है कि खेल जैसी गतिविधियां युवाओं को इन बुराइयों से दूर रखने में मददगार होती हैं।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर ध्यान पदक और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं को जीतने पर होता है, लेकिन व्यक्ति के समग्र विकास के लिए भी खेल महत्वपूर्ण है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से मिलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं का पता लगाने के लिए चयनकर्ताओं को गांवों में भेजा जाना चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी के मलूक नागर ने कहा कि विभिन्न खेलों में क्रिकेट पर अधिक ध्यान दिया जाता है और इसमें अधिक धन लगाया जाता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि अन्य खेलों के लिए भी संसाधन मुहैया कराये जाएं।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि क्रिकेट की तरह अन्य खेलों को बराबर महत्व देने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोकसभा में खेल और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर चर्चा पुन: शुरू हुई। संसद के बजट सत्र में 31 मार्च को यह चर्चा शुरू हुई थी।
कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने कहा, ‘‘भारत जोड़ो एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और इसके साथ ही ‘भारत जीतो’ हो सकता है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के विकास के लिए निजी क्षेत्र को शामिल किया जाना चाहिए।
टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां निजी क्षेत्र के उन लोगों के पीछे पड़ी हैं जो सरकार का समर्थन नहीं करते।
सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने ‘खेलो इंडिया’ पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि देखना होगा कि यह योजना जमीनी स्तर पर बदलाव कैसे लाती है। उन्होंने भी खेल के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
वाईएसआर कांग्रेस सांसद लाव श्रीकृष्णा ने कहा कि देशभर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा है और उनका मानना है कि खेल जैसी गतिविधियां युवाओं को इन बुराइयों से दूर रखने में मददगार होती हैं।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर ध्यान पदक और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं को जीतने पर होता है, लेकिन व्यक्ति के समग्र विकास के लिए भी खेल महत्वपूर्ण है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से मिलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं का पता लगाने के लिए चयनकर्ताओं को गांवों में भेजा जाना चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी के मलूक नागर ने कहा कि विभिन्न खेलों में क्रिकेट पर अधिक ध्यान दिया जाता है और इसमें अधिक धन लगाया जाता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि अन्य खेलों के लिए भी संसाधन मुहैया कराये जाएं।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि क्रिकेट की तरह अन्य खेलों को बराबर महत्व देने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
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