छावला बलात्कार-हत्या: दिल्ली सरकार ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 10:11 PM (IST)

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने 2012 में छावला इलाके में 19 वर्षीय एक लड़की से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे तीन दोषियों को बरी करने के सात नवंबर के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
दिल्ली सरकार ने कहा है कि अपराध "पाशविक प्रकृति" का था और यह "दुर्लभ में भी दुर्लभतम" श्रेणी में आता है।

पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि डीएनए नमूना जांच में अभियुक्तों को अपराध से जोड़ने वाले "सकारात्मक परिणाम" मिले।

शीर्ष अदालत ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 अगस्त, 2014 के आदेश को निरस्त करते हुए सात नवंबर को तीनों लोगों को बरी कर दिया था।

उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाल में कई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई हैं जिनमें से एक याचिका मृतका के पिता की भी है।

दिल्ली सरकार ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि कि अपराध "पाशविक प्रकृति" का था और यह "दुर्लभ में भी दुर्लभतम" की श्रेणी में आता है।

याचिका में कहा गया कि डीएनए नमूना जांच में अभियुक्तों को अपराध से जोड़ने वाले "सकारात्मक परिणाम" मिले।

इसमें कहा गया है कि दोषियों के प्रति किसी भी नरमी के प्रतिकूल परिणाम होंगे और यह सामाजिक हित के खिलाफ होगा।

सात नवंबर को शीर्ष अदालत ने तीनों दोषियों को बरी करते हुए कहा था कि कानून अदालतों को किसी आरोपी को नैतिक विश्वास या केवल संदेह के आधार पर दंडित करने की अनुमति नहीं देता है।

इसने यह भी कहा था कि अभियोजन पक्ष अभियुक्तों के खिलाफ ठोस, निर्णायक और स्पष्ट साक्ष्य प्रदान करने में विफल रहा।

तीन लोगों पर फरवरी 2012 में 19 वर्षीय लड़की के अपहरण, सामूहिक बलात्कार और बर्बरता से उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था।

अपहरण के तीन दिन बाद लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला था।

वर्ष 2014 में, एक निचली अदालत ने मामले को "दुर्लभतम" करार देते हुए तीनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, लड़की गुरुग्राम के साइबर सिटी इलाके में काम करती थी और उत्तराखंड की रहने वाली थी। वह अपने कार्यस्थल से लौट रही थी और उस समय अपने घर के पास ही थी, जब तीन लोगों ने एक कार में उसका अपहरण कर लिया।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि जब वह घर नहीं लौटी तो उसके माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और बाद में महिला का क्षत-विक्षत शव हरियाणा में रेवाड़ी के एक गांव में मिला।


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