दिल्ली में 2015 के बाद पहली बार नवंबर में सबसे कम दिन वायु गुणवत्ता की स्थिति ‘गंभीर’ रही

punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2022 - 09:47 AM (IST)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल नवंबर में केवल तीन दिन ही ऐसे थे जब वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। वर्ष 2015 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)की ओर से वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़ों का संकलन शुरु करने के बाद से नवंबर महीने में ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की यह सबसे कम संख्या है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने का औसत मासिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 320 दर्ज किया गया जो वर्ष 2019 में इसी अवधि में 312 था।
उल्लेखनीय है कि 201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब’, 301 से 400 एक्यूआई को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी में कमी, अनुकूल मौसमी परिस्थितियां और प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम मुख्य वजह हैं।
दिल्ली में पिछले साल नवंबर महीने में 12 दिन ऐसे थे जब वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। इसी प्रकार वर्ष 2020 के नवंबर में नौ दिन, वर्ष 2019 के नवंबर में सात दिन, वर्ष 2018 के नवंबर में पांच दिन, वर्ष 2017 के नवंबर में सात दिन, वर्ष 2016 के नवंबर में 10 दिन और वर्ष 2015 के नवंबर में छह दिन ऐसे थे जब एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली में इस साल नवंबर के दौरान केवल एक, दो और चार नवंबर को वायु प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ रही और इसकी वजह हवाओं की मंद गति और पराली जलाने की घटनाएं थीं।

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि हवाओं की दिशा पश्चिम से दक्षिण पश्चिम होने और पराली की हिस्सेदारी कम होने से यह नतीजे आए हैं। उन्होंने बताया कि इस महीने हवा में भारी नमी की वजह से ‘धुंध’ छाने की घटनाएं भी कम हुईं।


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PTI News Agency

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