जर्मन चांसलर के अगले साल दो बार भारत आने की संभावना : राजदूत
punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2022 - 09:47 AM (IST)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) भारत और जर्मनी के हरित एवं सतत विकास पर जोर देने के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज अगले साल दो बार भारत की यात्रा पर आ सकते हैं।
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चांसलर अगले साल भारत की द्विपक्षीय यात्रा की योजना बना रहे हैं... मुझे पूरा यकीन है कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय दौरे पर यहां आएंगे।’’
एकरमैन ने कहा कि जर्मनी और भारत ने 22 परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया है जो हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) के तहत अगले वर्ष के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु अनुकूल शहरी विकास और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग से संबंधित हैं।
जर्मन चांसलर ने मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान जीएसडीपी के तहत 2030 तक कम से कम 10 अरब यूरो की मदद की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि इस समर्थन का एक बड़ा हिस्सा केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक से 2.7 प्रतिशत से 3.2 प्रतिशत तक की ब्याज दरों के साथ ऋण सुविधा के रूप में होगा।
एकरमैन ने कहा कि भारत में सभी नए संयुक्त उद्यम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने या जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने में मदद करेंगे। इस तरह, भारत के साथ द्विपक्षीय विकास सहयोग के केंद्र बिंदु लगातार बने रहेंगे और आने वाले वर्षों में उनका और विस्तार होगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चांसलर अगले साल भारत की द्विपक्षीय यात्रा की योजना बना रहे हैं... मुझे पूरा यकीन है कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय दौरे पर यहां आएंगे।’’
एकरमैन ने कहा कि जर्मनी और भारत ने 22 परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया है जो हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) के तहत अगले वर्ष के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु अनुकूल शहरी विकास और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग से संबंधित हैं।
जर्मन चांसलर ने मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान जीएसडीपी के तहत 2030 तक कम से कम 10 अरब यूरो की मदद की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि इस समर्थन का एक बड़ा हिस्सा केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक से 2.7 प्रतिशत से 3.2 प्रतिशत तक की ब्याज दरों के साथ ऋण सुविधा के रूप में होगा।
एकरमैन ने कहा कि भारत में सभी नए संयुक्त उद्यम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने या जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने में मदद करेंगे। इस तरह, भारत के साथ द्विपक्षीय विकास सहयोग के केंद्र बिंदु लगातार बने रहेंगे और आने वाले वर्षों में उनका और विस्तार होगा।
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