सीयूईटी में जेएनयू के शामिल होने से पीजी-पीएचडी में दाखिले को लेकर अनिश्चितता: जेएनयूटीए

Monday, Oct 03, 2022 - 09:09 PM (IST)

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने सोमवार को कुलपति शांतिश्री पंडित से एक आपात बैठक बुलाने की मांग की, ताकि सीयूईटी की कवायद के कारण परास्नातक (पीजी) और पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिले को लेकर बनी ‘अनिश्चितता’ की स्थिति पर चर्चा की जा सके।

जेएनयूटीए ने बयान जारी करके कहा कि यह संकट विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में शामिल होने और एनटीए के पीएचडी में दाखिले के लिये परीक्षा आयोजित करने की प्रतिबद्धता से पीछे हटने के कारण उपजा।
सीयूईटी-पीजी का परिणाम एनटीए द्वारा पिछले हफ्ते जारी किया गया, लेकिन जेएनयू ने परास्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
परास्नातक में प्रवेश से जुड़ी अंतिम अधिसूचना गत 20 मई को जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि जेएनयू-पीजी में दाखिले सीयूईटी-पीजी 2022 के जरिये होंगे।

पीएचडी में प्रवेश को लेकर जेएनयू की तरफ से हाल ही में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए प्रॉस्पेक्टस जारी किया गया है, जिसके मुताबिक दाखिले मेरिट के आधार पर होंगे।
पीएचडी में दाखिले के इच्छुक अभ्यर्थियों को कम्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) में शामिल होना होगा।

जेएनयूटीए ने पाया कि पीएचडी में दाखिले के संबंध में प्रवेश परीक्षा कराने के संबंध में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘जेएनयूटीए जेएनयू के कुलपति और प्रशासन से जल्द से जल्द अकादमिक परिषद की आपातकालीन बैठक आयोजित करने का आग्रह करता है, क्योंकि उसका मानना है कि यह मुद्दों (प्रवेश से संबंधित) को हल करने के लिए एकमात्र संस्थागत प्रक्रिया है।’’
जेएनयूटीए ने कहा कि पीएचडी में आरक्षण कोटा पूरा करने में ‘अस्वीकार्य कमी’ आई है।

जेएनयूटीए के कहा कि अकादमिक परिषद को इन दोनों मुद्दों पर नये सिरे से विचार करके ‘मौखिक परीक्षा’ लेने के लिए नया दिशानिर्देश तैयार करना चाहिए।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising