लोक सेवकों की प्राथमिक जिम्मेदारी राष्ट्र एवं लोगों की सेवा होनी चाहिए : राष्ट्रपति मुर्मू
punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2022 - 05:44 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि लोक सेवकों का प्राथमिक लक्ष्य पूरी गंभीरता के साथ राष्ट्र और लोगों की सेवा करना होना चाहिए ।
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय रक्षा संपदा सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा, भारतीय कारोबार सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों/प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति भवन में संबोधित करते हुए यह बात कही ।
मुर्मू ने कहा कि इन सेवाओं से जुड़ने के बाद उनका (अधिकारियों) प्राथमिक लक्ष्य पूरी गंभीरता के साथ राष्ट्र और लोगों की सेवा करना होना चाहिए ।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि लोक सेवक के रूप में उनकी यात्रा के दौरान उन्हें लोगों के जीवन में बदलाव लाने के अनेक अवसर मिलेंगे ।
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अगर युवा अधिकारी लोगों की सेवा करने के मार्ग पर चलेंगे, तो उन्हें अपने काम में काफी संतुष्टि मिलेगी ।
मुर्मू ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रक्षा संपदा महानिदेशालय ने प्रतिरक्षा संपदाओं के प्रबंधन के लिये उपग्रह चित्र, भू स्थानिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमता जैसी प्रौद्योगिकी को अपनाया है।
उन्होंने भारतीय रक्षा संपदा सेवा के अधिकारियों से छावनियों के प्रभावी प्रशासन के लिये प्रौद्योगिकी का अधिकतम संभव उपयोग करने का अनुरोध किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय रक्षा संपदा सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा, भारतीय कारोबार सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों/प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति भवन में संबोधित करते हुए यह बात कही ।
मुर्मू ने कहा कि इन सेवाओं से जुड़ने के बाद उनका (अधिकारियों) प्राथमिक लक्ष्य पूरी गंभीरता के साथ राष्ट्र और लोगों की सेवा करना होना चाहिए ।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि लोक सेवक के रूप में उनकी यात्रा के दौरान उन्हें लोगों के जीवन में बदलाव लाने के अनेक अवसर मिलेंगे ।
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अगर युवा अधिकारी लोगों की सेवा करने के मार्ग पर चलेंगे, तो उन्हें अपने काम में काफी संतुष्टि मिलेगी ।
मुर्मू ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रक्षा संपदा महानिदेशालय ने प्रतिरक्षा संपदाओं के प्रबंधन के लिये उपग्रह चित्र, भू स्थानिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमता जैसी प्रौद्योगिकी को अपनाया है।
उन्होंने भारतीय रक्षा संपदा सेवा के अधिकारियों से छावनियों के प्रभावी प्रशासन के लिये प्रौद्योगिकी का अधिकतम संभव उपयोग करने का अनुरोध किया।
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