बेल्लारी जाने की खनन कारोबारी जी जर्नादन रेड्डी की याचिका पर 10 अक्ट्रबर को आएगा आदेश

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2022 - 05:01 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह खनन कारोबारी और कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी की उस याचिका पर 10 अक्टूबर को आदेश पारित करेगा, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी से मुलाकात करने के लिए अपने पैतृक जिले बेल्लारी जाने और चार सप्ताह रहने की अनुमति मांगी थी।
उनकी बेटी ने हाल ही में एक शिशु को जन्म दिया है।

करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं और शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कई शर्तें लगाई थीं, जिनमें कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर एवं कडप्पा जाने पर प्रतिबंध भी शामिल है।

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि वह निचली अदालत को दिन-प्रतिदिन के आधार पर मामले की सुनवाई करने का निर्देश देगी और अभियोजन पक्ष पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व होगा कि (इस दौरान) गवाह मौजूद हों।

शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसरण में, सीबीआई ने पीठ को सूचित किया कि बच्चे का जन्म बेंगलुरु के एक अस्पताल में हुआ है और अब जच्चा-बच्चा बेल्लारी में रह रहे हैं।
रेड्डी की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने एजेंसी से मामले की तहकीकात करने और शुक्रवार को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

रेड्डी का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि बच्चे का जन्म भले ही बेंगलुरु में हुआ हो, लेकिन मां और बच्चा अब उनके मुवक्किल (रेड्डी) के गृहनगर में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डिलीवरी 27 सितंबर को हुई थी और अब वे बेल्लारी में हैं।

तीन साल से अधिक जेल में बिताने के बाद शीर्ष अदालत ने जनवरी 2015 में रेड्डी को सशर्त जमानत दे दी थी।

सीबीआई ने रेड्डी और उनके रिश्तेदार एवं ओबलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक बी. वी. श्रीनिवास रेड्डी को पांच सितंबर, 2011 को बेल्लारी से गिरफ्तार किया था और उसके बाद उन्हें हैदराबाद लाया गया था।

कंपनी पर कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित बेल्लारी सुरक्षित वन क्षेत्र में ‘खनन लीज की सीमा’ में बदलाव करने और उनमें अवैध खनन में लिप्त होने का आरोप है।

शीर्ष अदालत ने जमानत देते हुए उन्हें संबंधित निचली अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा कराने और निचली अदालत के न्यायाधीश की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था।



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PTI News Agency

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