देश के नए सीडीएस के तौर पर जनरल चौहान ने संभाला कार्यभार, तीनों सेनाओं के एकीकरण की है चुनौती

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2022 - 02:17 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को भारत के दूसरे प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पदभार ग्रहण किया।

उनके सामने सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के बीच समन्वय और महत्वाकांक्षी ‘थियेटर’ कमान के निर्माण का लक्ष्य है ताकि देश की सेनाओं को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।

जनरल चौहान सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख रह चुके हैं। तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में, भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के नौ महीने से ज्यादा समय बाद जनरल चौहान ने वरिष्ठतम सैन्य कमांडर का दायित्व ग्रहण किया है।
जनरल चौहान ने कहा, “भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे ऊंचे रैंक का दायित्व ग्रहण कर मुझे गर्व हो रहा है। मैं सेना के तीनों अंगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और सबको साथ लेकर सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने प्रयास करूंगा।”
सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने से पहले जनरल चौहान ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान भी स्मारक पर मौजूद थे। जनरल चौहान को रायसीना हिल्स पर साउथ ब्लॉक के लॉन पर तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस अवसर पर थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और नौसेना के उप प्रमुख वाईस एडमिरल एस. एन. घोरमाडे मौजूद थे। जनरल चौहान की पत्नी अनुपमा भी उनके साथ थीं। ?
चीन संबंधी मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले जनरल चौहान की नए सीडीएस के रूप में नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध बरकरार है।
भारतीय सेना के बेहद अनुभवी और अलंकृत अधिकारी, 61 वर्षीय जनरल चौहान रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर भी काम करेंगे। वह पूर्वी कमान के प्रमुख के पद से गत वर्ष 31 मई को सेवानिवृत्त हुए थे।
इसके बाद वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अधीन सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था और 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में उन्हें कमीशन मिला था।
सीडीएस के तौर पर जनरल चौहान के सामने, एकीकृत सैन्य कमान के तौर पर ‘थिएटर कमान’ की स्थापना करने की चुनौती होगी। पिछले साल जनरल रावत के नेतृत्व वाले सैन्य मामलों के विभाग ने तीनों सेनाओं से थिएटर कमान की योजना के बाबत स्वतंत्र योजना बनाने को कहा था।
परन्तु, आठ दिसंबर 2021 को जनरल रावत के निधन के बाद यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। इस योजना के तहत प्रत्येक थिएटर कमान के पास थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक इकाई (कमान) के रूप में, किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में, एक कमांडर के नेतृत्व में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगी।
वर्तमान में तीनों सेनाओं की कुल 17 कमान हैं। शुरुआत में एक योजना बनाई गई थी जिसके तहत एक ‘एयर डिफेंस कमान’ और एक ‘मेरीटाइम थिएटर कमान’ का निर्माण किया जाना था। प्रस्तावित थिएटर कमान को लेकर भारतीय वायु सेना को कुछ आशंकाएं हैं।
एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने जून में कहा था कि वायु सेना तीनों सेनाओं के एकीकरण को लेकर पूरी तरह तैयार है।
जनरल चौहान 2019 में बालाकोट हमले के दौरान सेना के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमले किये थे और जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्रों को बर्बाद कर दिया था।

जनरल चौहान ने देश के दूसरे सीडीएस का कार्यभार संभालने के बाद ‘फोर-स्टार रैंक’ धारण किया है। वह ऐसे पहले सेवानिवृत्त अधिकारी बन गए हैं जिन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद चार सितारा रैंक के साथ सेवा में वापसी की।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News