गंगा तटीय क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ावा देने लिये दो अक्तूबर को शुरू होगा ‘जलज’ का दूसरा चरण

punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 05:26 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) सरकार दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर ‘जलज’ कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरूआत करेगी जिसका उद्देश्य गंगा तट के आसपास स्थानीय परिस्थितियों एवं प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप आजीविका के साधनों और इको पर्यटन को बढ़ावा देना है ।
जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि जलज कार्यक्रम के तहत देश में गंगा तटीय क्षेत्रों में 75 स्थलों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके पहले चरण की शुरूआत 16 अगस्त को हुई थी जिसमें 26 स्थलों को लिया गया था ।
उन्होंने कहा कि अब जलज का अगला चरण दो अक्तूबर को शुरू करने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को सभी 75 स्थलों पर छह महीने में प्रारंभ करने का लक्ष्य है।
वहीं, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक ने जी अशोक कुमार ने बताया कि जलज कार्यक्रम के तहत आज की स्थिति में 30 स्थलों पर कार्य शुरू हो गया है।
एनएमसीजी की पिछले महीने 44वीं कार्यकारी परिषद की बैठक में जलज योजना पर विस्तार के साथ चर्चा हुई थी । इसमें मंजूर प्रस्ताव में अर्थ गंगा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिये नदी एवं लोगों को जोड़ने पर जोर दिया गया है और इस परियोजना की लागत 18.88 करोड़ रूपये तय की गई है । इसका अनुपालन करने वाली एजेंसी भारतीय वन्यजीवन संस्थान, देहरादून है।
जलज का विकास स्थानीय कौशल, कच्चे माल की उपलब्धता, बाजार की मांग के आधार पर किया जायेगा । इसमें आजीविका के साधन, इको पर्यटन, वेलनेस सेंटर, स्थानीय उत्पाद आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाई, बिक्री केंद्र के विकास पर जोर दिया गया है।
इसमें गंगा के किनारे शून्य बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है जिसमें नदी के दोनों ओर 10 किमी पर रासायनिक मुक्त खेती को बढ़ावा देना शामिल है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News