कांग्रेस की पंजाब, तेलंगाना की इकाइयों ने भी राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग वाले प्रस्ताव पारित किए

punjabkesari.in Wednesday, Sep 21, 2022 - 07:27 PM (IST)

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मुकाबले की प्रबल संभावना के बीच पार्टी की राज्य इकाइयों की ओर से राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए जाने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा।

पंजाब, तेलंगाना और पुडुचेरी की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए।

अब तक करीब एक दर्जन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कांग्रेस कमेटियां राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं।

राज्य इकाइयों की ओर से प्रस्ताव उस वक्त पारित किए गए हैं, जब राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि पार्टी का अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे तथा अशोक गहलोत और शशि थरूर चुनाव लड़ने का संकेत दे चुके हैं।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव रखा और पार्टी विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इसका अनुमोदन किया।

वडिंग ने बताया कि पार्टी डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) और वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर से संभालें। उनका कहना था कि यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने का अनुरोध किया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पार्टी नेता राजमोहन उन्नीथन की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रतिनिधियों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया।
उधर, पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने बुधवार को कहा कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग संबंधी प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रस्ताव आलाकमान को भेज दिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कुछ दिन पहले यहां एक बैठक में यह मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।
इससे पहले, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार की कांग्रेस इकाइयों ने ऐसे प्रस्ताव पारित किए थे।

उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि विभिन्न पीसीसी की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि किसी से प्रस्ताव पारित करने के लिए नहीं कहा गया है।
कांग्रेस की इन इकाइयों ने ये प्रस्ताव उस वक्त पारित किए हैं, जब गत नौ सितंबर को कन्याकुमारी में राहुल गांधी ने यह संकेत दिया था कि वह पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनने के अपने पुराने फैसले पर कायम हैं।

राहुल गांधी के अपने रुख पर कायम रहने के कारण अब 22 साल बाद कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मुकाबले के प्रबल आसार हैं।

वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी। इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था, जिसमें केसरी जीते थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को कहा था, "यह फैसला राहुल गांधी को करना है और उन्होंने हमें इस बारे में कुछ नहीं बताया है।"
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।


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